अरब देश में मंदिर? यह एक कल्पना थी। अरब के अबू धाबी में जहां शरिया कानून है। इस्लाम जहां की रगों में हैं। बुत परस्ती जहां हराम समझी जाती हो। ऐसे अरब देश के अबू धाबी में भव्य दिव्य मंदिर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों हुआ है। प्रधानमंत्री के हाथों राम मंदिर के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा मंदिर का लोकार्पण है। मोदी के लिए अबू धाबी के शेख मोहम्मद बिन जायद प्रोटोकाल को तोड़ रहे हैं। गर्मजोशी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करते हैं। रेत और समंदर से घिरे अरब देश बदल रहे हैं? या फिर हमारी नीतियां बदल रही हैं। भारतीयों की ताकत दुनिया को समझ आ रही है। प्रधानमंत्री कहते हैं - 'यह युवाओं का भारत है। जवान भारत है। 65 फीसदी से अधिक लोग 35 वर्ष की आयु के हैं।Ó तब देश जोश से भर जाता है। तरुणाई अंगड़ाई लेने लगती है। प्रधानमंत्री ने पिछले दस सालों में इतिहास रचने का नहीं,युग बदलने का काम किया है। इस धरती से समंदर पार तक मोदी मोदी यूं ही नहीं गूंज रहा।
अरब देशों से संबंध: प्रधानमंत्री का यह सातवां यूएई दौरा है। 27 एकड़ की जमीन पर यूएई में मंदिर बना है। सात इस्लामी मुल्कों ने मोदी को सम्मान से नवाजा है। अबू धाबी में जब मंत्रोचार गूंज रहे थे तब हर भारतीय का मस्तिष्क गर्व से ऊंचा हो रहा था। हर भारतीय के माथे पर रोली -अक्षत सज रहा था। पूरा यूएई भारत माता के जयकारों से गूंजने लगा। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। इस्लामिक देश भारत का लोहा मान रहे हैं। इस देश में मुस्लिमों को भरमाया जा रहा है। छद्म सैक्यूलिरज्म के नाम पर विपक्ष पिछले सात दशक से मुस्लिम समाज को डरा रहे हैं। यह मोहब्बत की दुकान के नाम पर डर की दुकान चला रहे हैं।
शानदार विदेश नीति: कतर से फांसी की सजा पाए नौसैनिकों को सुरक्षित भारत लाना कोई आसान काम नहीं था। इसके पीछे थी बड़ी कूटनीति। बाहरी मुल्कों से संबंध। व्यापारिक रिश्ते। सामरिक रिश्ते। कमान खुद प्रधानमंत्री ने संभाली। उनके साथ थे-विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद। अजित डोभाल। प्रधानमंत्री स्वयं कतर के खलीफा से बात कर रहे थे। एक तरफ विदेश मंत्री मोर्चा संभाले हुए थे। दूसरे छोर पर अजित डोभाल। दरअसल पिछले साल 28 दिसंबर को कतर की एक अदालत ने आठ पूर्व नौसैनिकों को फांसी की सजा सुना दी थी। इसके बाद सरकार एक्टिव हुई। कूटनीतिक मोर्चे पर पहली सफलता मिली जब फांसी की सजा उम्र कैद में तब्दील हुई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद एक्टिव मोड में आए। दुबई में हुए शिखर सम्मेलन में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मोदी की मुलाकात हुई। इस मुलाकात के एक हफ्ते बाद ही सभी नौसेनिकों की रिहाई हो गई।
एक ही सप्ताह में दो मुस्लिम देशों के बीच भारत की बढ़ती धाक पर पाकिस्तान के बिजनेसमैन साजिद तरार कहते हैं-भारत आज जिस तरह दुनिया को डोमिनेट कर रहा है, कतर इन लोगों को छोड़ेगा। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। पाकिस्तान के बड़े पत्रकार और विश्लेषक कमर चीमा को दिए इंटरव्यू में साजिद तरार कहते हैं-इसकी वजह यह है कि मैं वाशिंगटन डीसी को देख रहा हूं। मैं यहां भारतीय प्रवासियों का। भारतीय इकानोमी का। वैज्ञानिक उपलब्धियों का इन्फलुएंस देख रहा हूं। भारत के अंदर बेहतर कानून व्यवस्था। चीन का नीचे जाना देखता हूं तो भारत बहुत शक्तिशाली देश नजर आता है। वे कहते हैं कि इसमें कोई शक नहीं है कि अमेरिका में यहूदी लाबी के बाद भारतीय लाबी ही प्रभावशाली है। भारत का सबसे बड़ा हथियार आईआईटी और आईआईएम है। इसकी वजह से ही भारत आज दुनिया फतह कर रहा है।
अब यह भी प्रश्न उठता है कि दोनों देशों के बीच क्या व्यापार हुआ? भारत ने अपने नौसैनिकों को कतर से छुड़ाया है तो भारत ने कतर को क्या दिया ? तो समझ लिजिए भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत ने कतर को बहुत बड़ा कांट्रेक्ट दिया है। 2048 तक भारत कतर से गैस आयात करेगा। इसकी वैल्यू 78 बिलियन डालर है। पड़ोसी पहले: हमने सबसे पहले देश को ऊपर रखा। कूटनीतिक रणनीति में पड़ोसी पहले। हम न अमेरिका के आगे झुके। न ही रूस के। रूस से हमारे व्यापारिक रिश्ते जस के तस हैं।
मालदीव ने जब आंखे तरेंरी तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लक्षदीप जाकर समंदर से अठखेलियां करने लगे। यह प्रधानमंत्री की सोच और ताकत ही है कि अब मालदीव को अपनी गलती का अहसास होने लगा है। वहां की अर्थव्यवस्था भारत पर टिकी है। समय पर सख्त निर्णय लेना ही कूटनीति भी है। रणनीति भी है। आज हमारे अंतरराष्ट्रीय संबंध विश्व स्तर पर मजबूत हो रहे हैं। भारतीय संस्कृति और मूल्य नई वैश्विक पहचान बना रहे हैं। देश के लिए गौरव के पल रहे, जब संयुक्त राष्ट्र संघ के 177 देशों के साथ 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। जी-20 देशों की सफल बैठकों से भारत की धाक पूरी दुनिया में जम गई। आज भारत आगे बढ़ रहा है। हमारी अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन चुकी है। पहले यह 11 वें स्थान पर हुआ करती थी। मोदी पूरे आत्म विश्वास से लबरेज नजर आते हैं। वे गारंटी देते है- 'तीसरे कार्यकाल में भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में तीसरे नंबर पर होगी। मोदी की गारंटी मतलब गारंटी पूरा होने की गारंटी।Ó तालियां बजने लगती हैं। मोदी-मोदी के जयकार गूंजने लगती है। इस्लामिक देश में भारत माता के जयघोष हवाओं में हम सबका सीना चौड़ा कर देते हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)