प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदार की धरती से कहा था, 'तेज गति से हो रहे आधारभूत सुविधाओं के विकास और राज्य सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णयों को देखते हुए 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा और उत्तराखण्ड जितनी उंचाइयों पर बसा है, वह उससे भी अधिक उंचाइयों को हासिल कर रहा है। इन्हीं विचारों को संकल्पबद्ध कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड विकास की स्वर्णिम यात्रा है। पुष्कर सिंह धामी ने कई ऐसे कड़े फैसले लिए जिनका अनुसरण देश के अन्य राज्य भी कर रहे हैं। देवभूमि उत्तराखण्ड में जबरन धर्मांतरण और नकल पर नकेल कसते हुए धामी सरकार ने सख्त उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) कानून व देश का सबसे बड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया। भ्रष्टाचार का खुलासा होते ही 80 से अधिक माफिया जेल भेजे गए।
उत्तरखण्ड में सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण होने की शिकायतों के बाद से धामी सरकार लगातार काम कर रही है। मुख्यमंत्री धामी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक लगभग पांच हजार एकड़ जमीन से लैण्ड जिहाद को समाप्त कर दिया गया है। इसी के समानांतर लव जिहाद को लेकर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया और राज्य में बढ़ रहे लव जिहाद की रोकथाम के लिए सख्त कानून बनाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव में जनता से राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने जो वायदा किया था उसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। समान नागरिक संहिता कमेटी जल्द ही सरकार को ड्राफ्ट सौंप देगी। जिसके बाद राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया जाएगा और लागू होने के साथ ही उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन जाएगा। धामी सरकार ने देवभूमि की मातृशक्ति के अधिकारों और संवर्द्धन के लिए सदैव अपनी प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया है। उत्तराखण्ड विधानसभा से राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक पारित करने के बाद कानून बनाया गया जिसके बाद से महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को और भी अधिक बल मिला। धामी ने दीदी लखपति योजना, वात्सल्य योजना और नन्दा गौरा योजना जैसी योजनाएं प्रारम्भ कर राज्य की महिलाओं का वन्दन किया है। यही नहीं राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का भी निर्णय धामी के नेतृत्व में लिया गया।
हाल ही में उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सफलतापूर्वक निकलवाने में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़े प्रयासों को भी भुलाया नहीं जा सकता है। मिशन सिलक्यारा की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, धामी ने बचाव अभियान के संबंध में उनसे प्राप्त निरन्तर समर्थन और मार्गदर्शन के लिए नई दिल्ली में 2 दिसम्बर, 2023 को पुष्पगुच्छ देकर आभार व्यक्त किया। जब मिशन सिलक्यारा की सफलता के बारे में धामी से मीडिया ने पूछा तो उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में विशेषज्ञ सहायता बढ़ाई गई और आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की गई जो बचाव अभियान की सफलता में सहायक बने और प्रतिदिन प्रधानमंत्री मोदी उनसे अपडेट लेते रहते थे। देहरादून में सम्पन्न हुए दो दिवसीय डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 की सफलता के पीछे भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। धामी और उनकी कैबिनेट सदस्यों समेत तमाम अधिकारियों ने लगभग चार माह में निवेशकों को आकर्षित करने का जो अनूठा प्रयास किया उसका परिणाम रहा कि राज्य सरकार के दो लाख करोड़ रुपए के निवेश लक्ष्य को पार करते हुए 3.5 लाख करोड़ रुपए के एमओयू सम्पन्न हुए जोकि पुष्कर सिंह धामी के अथक प्रयासों का ही नतीजा है।
उत्तराखण्ड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने नियमों और कार्रवाई को लेकर 'धाकड़ सीएमÓ के रूप में भी जाने जाते हैं। अपने कड़े तेवरों के लिए धामी जनता के बीच खासे लोकप्रिय हैं। धामी पहले धर्मांतरण, फिर नकलरोधी कानून के बाद अतिक्रमण पर सख्त कानून के मास्टर स्ट्रोक से अपना कड़ा रूख स्पष्ट कर चुके हैं। ऐसे भी कई कार्य हैं जिन्हें पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में बखूबी रूप अंजाम दिया जा रहा है और आगामी वर्षों के लिए जनहित में की गई घोषणाओं एवं राज्य के विकास के लिए रोडमैप तैयार किया जा चुका है। धामी का संकल्प है वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड पूर्णरूप से वयस्क राज्य होने के साथ-साथ देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बने। पुष्कर सिंह धामी अपनी संकल्पता के बलबूते न सिर्फ हाईकमान की उम्मीदों पर खरा उतरे हैं, बल्कि राज्य की राजनीति में अपने आपको अलग रूप में स्थापित भी कर रहे हैं।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)