चैंपियन बनने पर टीम इंडिया को मिला सफेद कोट: जानिए चैंपियंस ट्रॉफी और 'व्हाइट ब्लेजर' की दिलचस्प कहानी...

Update: 2025-03-10 10:47 GMT

White Blazer in ICC Champions Trophy: 9 मार्च, 2025 का दिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया। इसी दिन टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को हराकर तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी जीती। मैच का सबसे यादगार लम्हा था रवींद्र जडेजा का वह चौका, जिसने भारत को जीत दिलाई। इस शॉट को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। लेकिन फिलहाल सबसे ज्यादा चर्चा में है भारतीय टीम को मिला सफेद कोट। यह सफेद कोट चैंपियंस ट्रॉफी विजेता को ही दिया जाता है।

इसकी अपनी एक खास परंपरा और महत्व है। इस सम्मान को पाकर खिलाड़ी गर्व महसूस करते हैं। सफेद कोट सिर्फ जीत का नहीं, बल्कि क्रिकेट की गरिमा और खेल भावना का भी प्रतीक है।

टीम इंडिया को क्यों पहनाया गया सफेद कोट?

चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत तो 1998 में हुई थी, लेकिन विजेता टीम को सफेद कोट (व्हाइट ब्लेजर) पहनाने की परंपरा 2009 से चली आ रही है। ICC की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, यह सफेद कोट सिर्फ एक कपड़ा नहीं, बल्कि 'बैज ऑफ ऑनर' है। इसे पहनाना विजेता टीम की दृढ़ता, महानता और सम्मान को दर्शाता है।

यह परंपरा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने का भी प्रतीक है। सफेद कोट उस जोश और मेहनत का भी प्रतीक है, जो टीम ने ट्रॉफी जीतने के लिए झोंकी थी। इस खास परंपरा के जरिए ICC विजेता टीम की उपलब्धियों को सलाम करता है।

पहली बार किसे पहनाया गया था सफेद कोट?

साल 2009 में चैंपियंस ट्रॉफी विजेताओं को सफेद कोट (व्हाइट ब्लेजर) से सम्मानित करने की परंपरा शुरू हुई। यह टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुआ था, जहां फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीमें आमने-सामने थीं। रिकी पोंटिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 6 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया। इसी जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया वह पहली टीम बनी, जिसे इस सम्मान के रूप में सफेद कोट दिया गया।

इसके बाद, 2013 में भारत और 2017 में पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी जीतने पर यह कोट पहनाया गया। सफेद कोट विजेता टीम की दृढ़ता और महानता का प्रतीक बन गया जो अब एक खास परंपरा का हिस्सा है।

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