बैतूल तेल मिल हादसा: दो कर्मचारियों की संदिग्ध मौत के बाद हंगामा, परिजनों ने मुआवजे और जांच की उठाई मांग...

Update: 2025-03-16 13:29 GMT

बैतूल तेल मिल हादसा

Betul News in Hindi: मध्य प्रदेश के बैतूल में बीते दिनों एक तेल मिल में हुई दुर्घटना ने हंगामे का रूप ले लिया, जब दो कर्मचारियों की संदिग्ध मौत हो गई। यह हादसा बैतूल ऑयल मिल में हुआ, जो पूर्व कांग्रेस विधायक और उद्योगपति निलय विनोद डागा के स्वामित्व में है। फिल्टर चेंबर में कर्मचारियों की मौत के बाद यह सवाल उठता है कि वे वहां कैसे पहुंचे। इस घटनाक्रम के बाद मृतकों के परिजनों और मिल कर्मियों ने मुआवजे और जांच की मांग को लेकर दो बार चक्काजाम किया। इस मामले में 15-15 लाख रुपये मुआवजे का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन अभी तक घटना की सच्चाई सामने नहीं आ पाई है।

परिजनों ने मुआवजे और जांच की उठाई मांग

बैतूल जिले की सबसे पुरानी और एकमात्र सोया ऑयल मिल, बैतूल ऑयल्स में शनिवार रात दो कर्मचारी अचानक लापता हो गए। काफी समय तक तलाशने के बाद कैलाश पानकर और दयाराम नरवरे नामक दोनों कर्मचारियों के शव मिल के फिल्टर टैंक से बरामद हुए, जिससे हड़कंप मच गया। शवों को एसडीआरएफ की टीम ने बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस घटना के बाद मृतकों के परिजनों और मिल कर्मचारियों ने मुआवजे और जांच की मांग को लेकर अस्पताल परिसर के बाहर सड़क पर चक्काजाम कर दिया। जहां मिल प्रबंधन 10 लाख रुपये तक मुआवजा देने पर सहमत था, वहीं परिजन और कर्मचारी 15-15 लाख रुपये के मुआवजे की मांग कर रहे थे।

दोनों कर्मचारी बॉयलर पर काम करते थे

यह पूरी घटना तब संदेह के घेरे में आ गई जब पता चला कि दोनों मृतक कर्मचारी मिल के बॉयलर पर काम करते थे, लेकिन घटना वाली रात उनके शव फिल्टर प्लांट में मिले। मिल प्रबंधन के पास इस सवाल का कोई स्पष्ट जवाब नहीं है कि दोनों कर्मचारी बिना किसी सुरक्षा उपाय के फिल्टर प्लांट में क्यों गए और उनकी मौत किस वजह से हुई। पुलिस इस रहस्यमयी घटना को लेकर गहन जांच में जुटी है ताकि सच्चाई सामने आ सके।

बैतूल विधानसभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस विधायक और उद्योगपति निलय विनोद डागा घटना के समय बैतूल में मौजूद नहीं थे, लेकिन पुलिस प्रशासन लगातार उनसे संपर्क में है। मिल प्रबंधन ने मृतकों के बच्चों की पढ़ाई और भरण-पोषण की जिम्मेदारी लेने का वादा किया है। हालांकि इस घटना का सबसे अहम सवाल यह है कि दोनों कर्मचारी फिल्टर टैंक में कैसे गिरे। क्या वे बिना सुरक्षा उपायों के खुद वहां गए थे या उन्हें भेजा गया था? इस गंभीर सवाल पर पुलिस अपनी जांच जारी रखे हुए है।

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