फर्जी नर्सिंग कॉलेज घोटाला: छात्रों को पात्र कॉलेजों में 30 दिन में करें ट्रांसफर

Update: 2025-04-01 14:46 GMT
छात्रों को पात्र कॉलेजों में 30 दिन में करें ट्रांसफर
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जबलपुर (नव स्वदेश)। जबलपुर हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के फर्जी नर्सिंग घोटाले मामले में सुनवाई करते हुए अपात्र कॉलेजों के छात्रों को पात्र कॉलेजों में 30 दिन में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं ताकि उनका भविष्य खराब न हो। जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल ने याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिए. साथ ही कहा कि सीबीआई जांच में जिन कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्र नहीं पाए गए, वे परीक्षा में बैठने के लिए अपात्र नही हैं.

याचिकाकर्ता का कहना था कि कई कॉलेजों ने सीबीआई जांच के दौरान किसी भी छात्र के प्रवेश से इनकार किया था। हालांकि बाद में बैकडेट में एडमिशन दिखाकर परीक्षा में बैठाने की कोशिश की गई। नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन अध्यक्ष विशाल बघेल की ओर से जनहित याचिका लगाई गई है, याचिका पर सुनवाई हाई कोर्ट की स्पेशल बेंच कर रही है।

दरअसल सरकार की ओर से बहुचर्चित फर्जी नर्सिंग कॉलेज घोटाले के मामले में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता सम्बंधित 600 ओरिजनल फाइलें हाईकोर्ट में पेश की गई थीं, फइलों को दो लोडिंग ऑटो में कोर्ट लाया गया था। हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच रिपोर्ट और सरकार की रिपोर्ट को देखकर कई निर्देश जारी किए थे। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील को 15 दिन में फाइलों का अवलोकन कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए. रिपोर्ट में यह बताना होगा कि किन परिस्थितियों में और किन अधिकारियों ने अपात्र कॉलेजों को अनुमति दी।

15 दिन में फाइलों का परीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश

जस्टिस संजय द्विवेदी तथा जस्टिस एके पालीवाल की पीठ ने याचिकाकर्ता को निर्देश देते हुए कहा 15 दिन में फाइलों का परीक्षण कर तथ्यात्मक रिपोर्ट के साथ जिम्मेदार अधिकारियों के नाम पेश करें। लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है 'प्रदेश में नियम विरुद्ध नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं। नियमों को ताक पर रखकर कॉलेजों को मान्यता प्रदान की गई। तत्कालीन अधिकारियों द्वारा मान्यता नियम 2018 में 3 बार संशोधन किए गए, फर्जी कॉलेजों को लाभ पहुंचाया गया।

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