एबीवीपी द्वारा आयोजित 'पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा' असम में संपन्न

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 'अंतर-राज्य 'पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा' का समापन समारोह गुवाहाटी के प्रतिष्ठित कॉटन विश्वविद्यालय के 'केबीआर सभागार' में आयोजित किया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में असम के महामहिम राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, कॉटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रमेशचंद्र डेका उपस्थित रहे ।

Update: 2023-11-21 09:49 GMT

नई दिल्ली । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 'अंतर-राज्य 'पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा' का समापन समारोह गुवाहाटी के प्रतिष्ठित कॉटन विश्वविद्यालय के 'केबीआर सभागार' में आयोजित किया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में असम के महामहिम राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, कॉटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रमेशचंद्र डेका उपस्थित रहे । असम में आयोजित कार्यक्रम में एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने एबीवीपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा पूर्व राज्यपाल डॉ पद्मनाभ आचार्य की 'अंतर-राज्य छात्र जीवन दर्शन' प्रकल्प में भूमिका सहित राष्ट्रीय एकात्मता के लिए उनके जीवनपर्यंत किए गए कार्यों को याद करते हुए स्व. पद्मनाभ आचार्य को श्रद्धांजलि अर्पित की

पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा' में सम्पूर्ण भारत से 70 विद्यार्थी सम्मिलित हुए, जिसमें 17 छात्राएं भी सहभागी थीं। इन विद्यार्थियों ने पूर्वोत्तर के 67 जिलों में 244 स्थान पर कुल 299 विद्यालय एवं महाविद्यालयों के छात्र/छात्राओं से संपर्क कर उनसे पूर्वोत्तर के विविध विषयों को जाना। एबीवीपी द्वारा आयोजित 'पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा' में सम्मिलित हुए छात्र पूर्वोत्तर के 178 परिवारों में ठहरे तथा 120 जनजातियों से संपर्क कर उनके बारे में जाना । संख्यात्मक दृष्टि से इन 70 विद्यार्थियों ने 11 हज़ार से अधिक छात्र व छात्राओं से संपर्क किया। इस दौरान उनकी पूर्वोत्तर राज्य के गणमान्य नागरिकों से भी भेंट हुई जिसमें पूर्वोत्तर राज्यों के महामहिम राज्यपाल, मणिपुर तथा अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा प्राचार्य भी सम्मिलित रहे।

उल्लेखनीय है कि एबीवीपी के अंतर-राज्य छात्र जीवन दर्शन प्रकल्प की सन् 1966 में स्थापना हुई थी, इस प्रकल्प के अन्तर्गत प्रतिवर्ष छात्रों को भारत की विविधता को समझने व राष्ट्रीय एकात्मता के पक्ष को प्रत्यक्ष जानने के लिए यात्राएं आयोजित की जाती हैं। 'अन्तर-राज्य छात्र जीवन दर्शन' के अंतर्गत पूर्वोत्तर भारत की विभिन्न जनजातियों से आने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न भारतीय प्रदेशों को भ्रमण करने का अवसर मिलता है, वहां उन्हें देश की सांस्कृतिक एकता, भाषाई विविधता तथा शैक्षणिक परिवेश को देखने और समझने का अवसर प्राप्त होता है।

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