देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत आपदा के दूसरे दिन सोमवार को देरशाम हेलीकॉप्टर से जोशीमठ पहुंचे। वह रात को यहीं रुकेंगे। रविग्राम हेलीपैड से वह कार से आपदा प्रभावित तपोवन का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली। देहरादून से जोशीमठ रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने इस संबंध में ट्वीट भी किया। इसमें कहा कि राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। केंद्र सरकार से हर संभव मदद मिल रही है। उन्होंने हादसे को विकास के खिलाफ प्रोपेगैंडा न बनाने की अपील की।
जिले की नीती घाटी के आपदा प्रभावित 12 गांवों में सोमवार को हेलीकाप्टर की मदद से खाद्यान सामग्री की आपूर्ति की गई। बीमार ग्रामीणों को हेलीकाप्टर से अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। रविवार को तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से जोशीमठ-मलारी हाईवे पर रैंणी के समीप बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। इस वजह से 12 से अधिक गांवों का यातायात सम्पर्क टूट गया है। जिलाधिकारी स्वाती एस भदौरिया ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रशासन ने ग्रामीणों को दैनिक उपयोग की वस्तुओं और खाद्यान सामग्री की आपूर्ति हेलीकाप्टर की मदद से शुरू की है। बीमार लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिये मेडिकल टीम भेजी गई है। जोशीमठ में खाद्यान्न सामग्री के पैकेट तैयार किये जा रहे हैं। इंसेट रेडक्राॅस और छात्र संगठन तपोवन में राहत और बचाव काम में जुटे हैं। आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन दिन-रात राहत और बचाव कार्य में जुटा है। एबीवीपी के विभाग संगठन मंत्री चैन सिंह ने कहा है कि इस आपदा में कार्यकर्ता लोगों की मदद करें।