Murshidabad violence: मॉडर्न जमाने के नीरो हैं यूसुफ पठान! मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद चाय की चुस्की लेती तस्वीर से भड़की जनता

Update: 2025-04-13 08:25 GMT
मॉडर्न जमाने के नीरो हैं यूसुफ पठान! मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद चाय की चुस्की लेती तस्वीर से भड़की जनता
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Murshidabad violence : जब रोम में आग लग रही थी तो नीरो बांसुरी बजा रहा था। यह कहावत हम सभी ने सुनी है लेकिन इसका लाइव उदहारण दिया है टीएमसी से सांसद पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने। मुर्शिदाबाद हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई, कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सुरक्षा तैनात कर दी गई लेकिन यूसुफ पठान इस बीच अच्छी चाय की चुस्की लेते नजर आए।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ एक्ट को लेकर हुई हिंसा में 3 लोगों की मौत के बाद तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को चाय पीते हुए अपनी तस्वीरें शेयर करने पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर लोग उनके इस पोस्ट के समय को लेकर नाराज़गी जता रहे हैं। जबकि हिंसा प्रभावित क्षेत्र उनके निर्वाचन क्षेत्र में नहीं आता फिर भी इस संवेदनशील समय में उनका यह रवैया कई लोगों को असंवेदनशील लगा है।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर हिंसा के बीच तनाव जारी है। स्थानीय टीएमसी सांसद यूसुफ पठान को रविवार को भाजपा की भी नाराजगी का सामना करना पड़ा है क्योंकि उन्होंने "शांत वातावरण" में "अच्छी चाय" पीते हुए अपनी तस्वीरें पोस्ट की है।

एक्स पर, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने टीएमसी और उसके बहरामपुर सांसद पर तीखा हमला किया और कहा कि, "ममता बनर्जी ने यूसुफ पठान नामक क्रिकेटर को कहीं से उठाकर टिकट दे दिया और वोट बैंक ने उसे बहरामपुर में जिताया और आज जब बंगाल जल रहा है, हिंदुओं को चुन-चुनकर मारा जा रहा है, यूसुफ पठान चाय की चुस्की का आनंद ले रहे हैं...यही टीएमसी की प्राथमिकता है कि पठान साहब चाय पिएंगे और आनंद लेंगे जबकि बंगाल जल रहा है और दास परिवार मारा जा रहा है।"

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में हुई बर्बरता पर आंखें मूंदने की बात कहते हुए हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था। शुक्रवार को संशोधित वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद तीन लोगों की मौत हो गई और 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए।

मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगनम ने न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की एक विशेष पीठ का गठन किया था। मुर्शिदाबाद की स्थिति को "गंभीर और अस्थिर" बताते हुए, बेंच ने अपने आदेश में कहा, "निर्दोष नागरिकों पर किए गए अत्याचारों को रोकने के लिए अपराधियों के खिलाफ युद्ध स्तर पर कार्रवाई की जानी चाहिए। संवैधानिक न्यायालय मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकते और जब लोगों की सुरक्षा खतरे में हो तो तकनीकी बचाव में उलझे नहीं रह सकते। केंद्रीय सशस्त्र बलों की पहले से तैनाती से स्थिति को कम किया जा सकता था, क्योंकि ऐसा लगता है कि समय रहते पर्याप्त उपाय नहीं किए गए।"

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