नाम के लिए नहीं बल्कि आत्मिक शांति के लिए करते हैं समाजसेवा: ऊषा कुमार
इंडो-नेपाल सांस्कृतिक समन्वय सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय सम्मान इंदिरा गांधी समरसता अवार्ड पाने वाली ऊषा कुमार ने कहा कि वे समाजसेवा के कार्य प्रसिद्धि के लिए नहीं बल्कि आत्मिक शांति के लिए करती हैं। वह स्लम एरिया में काम करती हैं, जो बच्चे स्कूल फीस नहीं भर सकते, ऐसे बच्चों की मदद करती हैं।
यमुनानगर की ऊषा कुमार को मिला अंतरराष्ट्रीय इंदिरा गांधी समरसता अवार्ड
यमुनानगर । इंडो-नेपाल सांस्कृतिक समन्वय सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय सम्मान इंदिरा गांधी समरसता अवार्ड पाने वाली ऊषा कुमार ने कहा कि वे समाजसेवा के कार्य प्रसिद्धि के लिए नहीं बल्कि आत्मिक शांति के लिए करती हैं। वह स्लम एरिया में काम करती हैं, जो बच्चे स्कूल फीस नहीं भर सकते, ऐसे बच्चों की मदद करती हैं।
यमुनानगर की समाजसेवी ऊषा कुमार को दिल्ली के कृष्णा मेनन भवन में आयोजित इंडो-नेपाल सांस्कृतिक समन्वय सम्मेलन में नेपाल सरकार के प्रथम उपराष्ट्रपति के विशेष सलाहकार महावीर प्रसाद टोरडी ने सम्मानित किया था। यह कार्यक्रम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर अंतरराष्ट्रीय समरसता मंच एवं इंडो-नेपाल समरसता ऑर्गनाइजेशन ने आयोजित किया था। ऊषा कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की वजह से महिलाओं को राजनीति में पहचान मिली व अग्रणीय कार्यों के लिए महिलाएं सक्षम हुईं।
इंदिरा गांधी समरसता अवार्ड 2023 में पूरे भारत से 51 प्रतिभाओं को आमंत्रित किया गया था, जिसमें तीन महिलाएं हरियाणा राज्य से हैं। ऊषा कुमार पार्षद भी रह चुकी हैं व अपने सभी सामाजिक कार्यों के लिए अपनी प्रेरणास्रोत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को श्रेय देती हैं।ऊषा कुमार तकरीबन 32 वर्षों से यमुनानगर जिले में राजनीतिक पहचान रखती हैं। वह समाजसेवा के कार्य में अग्रणीय रहती हैं।