ऑपरेशन स्माइल: 26वें दिन लौटी किडनैप ऋतिक के मां-बाप के चेहरों की रंगत

25 हजार का इनाम मानव तस्करी रैकेट दबोचने वाली एएसपी (ईस्ट) की टीम को;

Update: 2025-03-19 15:19 GMT

हरदोई। जनपद पुलिस ने चली थी ऑपरेशन स्माइल की लाइन पर, क्रैक कर दिया ह्यूमन ट्रैफिकिंग रैकेट। महिला सहित तीन को गिरफ्तार कर अतरौली से अपहृत 3 साल के मासूम को तेलंगाना से बरामद किया। ऑपरेशन लीड कर रहे अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) नृपेंद्र कुमार फ्लाइट से बच्चे को वापस लाए। पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन के अनुसार, मानव तस्करी गिरोह के तार कई राज्यों से जुड़े हैं। हरदोई पुलिस ने किडनैप मासूम को 27वें दिन मां-बाप को सौंप दिया। घटनाक्रम का विवरण एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया।

ऋतिक की खोज में छोड़े खोजी कुत्ते, उड़ाए ड्रोन : पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन के मुताबिक, अगवा बच्चे को दिल्ली की महिला की मार्फ़त तेलंगाना में ह्यूमन ट्रैफिकिंग गिरोह ने पांच लाख रुपए में बेचा था। बताया, अतरौली थाना क्षेत्र के गौरी कला गांव में ऋतिक मां गुड़िया संग मामा ऋषिकांत के तिलक समारोह में आया था। सभी 20 फ़रवरी की रात 8 बजे कार्यक्रम में व्यस्त थे। अचानक ऋतिक के लापता होने का शोर हुआ। खोजबीन के बाद परिवार ने अतरौली पुलिस को सूचना दी थी। लापता बच्चे की खोज में अभियान चलाया गया। खोजी कुत्तों से लेकर ड्रोन से सुरागरसी की गई।

एअरपोर्ट पर मासूम ऋतिक संग एएसपी नृपेंद्र कुमार

पता चला, सीतापुर से भी गायब हैं 3 बरस के 2 मासूम : परिणाम नहीं आने पर अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) नृपेंद्र कुमार की अगुवाई में अलग-अलग टीम गठित हुईं। पुलिस ने अगल-बगल के जनपदों से बच्चे गायब होने के मामलों की जानकारी की। पता चला, सीतापुर से भी दो बच्चे गायब हैं। मोबाइल सर्विलांस से अभय वर्मा और उमाशंकर की गौरी कला गांव में मौजूदगी सामने आई। दोनों का गांव में आने का प्रयोजन पुलिस जांच में समझ से परे आया। दोनों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में दोनों ने वारदात कुबूली। बताया, हरदोई से एक और सीतापुर से दो बच्चे अगवा किए थे। अतरौली से ऋतिक को शादी समारोह और सीतापुर में थाना अटरिया से 10 फरवरी को आर्यन (3) और थाना बिसवां से पिछले साल 27 दिसंबर को कार्तिक मौर्या (3) को अगवा कर दिल्ली की सोनिया को सौंप दिया था। सोनिया दिल्ली में अस्पताल में काम करती है। वह दोनों भी अस्पताल में काम के दौरान सोनिया के संपर्क में आए।

14 को हरदोई पुलिस ने शुरू किया तेलंगाना में मूवमेंट : पुलिस ने दिल्ली से सोनिया को हिरासत में लिया। उसने बताया, ऋतिक को शारदा के जरिए अज्ञात को बेचा गया। सीतापुर के बच्चों को तेलंगाना के राजमुंद्री और विजयवाड़ा में बेचा गया। गिरोह बच्चों को अलग-अलग इलाकों में पांच लाख रुपए में बेच देते थे। हरदोई पुलिस ने 14 मार्च को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की मदद से मूवमेंट शुरू किया। मूड़ावती शारदा, पठान मुमताज उर्फ़ हसीना और विक्कोल बिजली की धरपकड़ को दबिश हुई, पर तीनों फरार हो गईं। ऋतिक की बरामदगी के बाद सीतापुर के अगवा बच्चों को सकुशल बरामद करने का पुलिस प्रयास कर रही है। एसपी जादौन के अनुसार, बच्चों को अगवा करने का अंतरराज्यीय सक्रिय गिरोह है, जिसमें कई महिलाएं और पुरुष हैं। इनकी पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।

बच्चों के रंग-रूप से तय होती थी कीमत : अभय और उमाशंकर बच्चों के फोटो दिल्ली के मंगोलपुरी की सोनिया उर्फ सुनीता को भेजते थे। बच्चों के रंग-रूप के हिसाब से कीमत तय होती थी। सोनिया की बताई जगह पर बच्चे दिल्ली पहुंचा दिए जाते। सोनिया बच्चे तैयार कर विजयवाड़ा में मौजूद शारदा, मुमताज और बिजली को फोटो भेजती थी।

मानव तस्करों का आपराधिक इतिहास : अभय वर्मा पुत्र प्रदीप कुमार निवासी अलायपुर थाना सदरपुर सीतापुर और उमाशंकर पुत्र प्रेमचंद रावत निवासी ग्राम शाहपुर थाना महगवां लखनऊ पर सीतापुर के अटरिया और बिसवां में अभियोग पंजीकृत हैं। सोनिया उर्फ सुनीता पत्नी राजकुमार शर्मा निवासी मोहल्ला मंगोलपुरी, डी-ब्लॉक नई दिल्ली पर थाना जामा मस्जिद दिल्ली, थाना बिसवां और थाना अटरिया जनपद सीतापुर में मुकदमा दर्ज है।

ऑपरेशन अंजाम देने वाली एएसपी नृपेंद्र की टीम-19 : अतरौली थानेदार मार्कण्डेय सिंह, सब इंस्पेक्टर जितेन्द्र सिंह, रोहित कुमार, हेड कांस्टेबल अनूप सिंह, राज कपूर, कांस्टेबल विनीत कुमार, कांस्टेबल सविता उपाध्याय, सांडी थाने की सब इंस्पेक्टर रीमा सिंह, सिटी कोतवाली के सब इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह, कांस्टेबल मंजेश कुमार, बृजनन्दन, कछौना कोतवाली के सब इंस्पेक्टर मुईन अहमद खान, सुरसा थाने के हेड कांस्टेबल होरालाल, कोतवाली देहात के हेड कांस्टेबल रमापति दिवाकर, कांस्टेबल त्रिवेश कुमार, प्रदीप चौधरी (स्पेशल टीम पूर्वी जोन), पुलिस लाइंस में पोस्ट कांस्टेबल जितेन्द्र सिंह, कांस्टेबल ओमवीर सिंह (सर्विलांस सेल) और डिप्टी एसपी संडीला की पेशी में पोस्ट कांस्टेबल नंदिनी शुक्ला। 

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