मौजूदा परिस्थितियों में पार्टी नेतृत्व का सर्वोत्तम निर्णय है 'अजीत': वर्ष 2023 में 17 सितंबर को जब बब्बन 'एडहॉक अध्यक्ष' बनके आए तो कैसी थी प्रतिक्रिया...
बृजेश ’कबीर’, हरदोई। 13 खाना रिंच हैं 13वें भाजपा जिलाध्यक्ष, सब मशीनरी कर लेंगे दुरुस्त, बब्बन जब भाजपा जिलाध्यक्ष बन के आए तो ये कभी उनके अध्यक्ष रहे राजीव रंजन मिश्रा की पहली प्रतिक्रिया थी। अजीत सिंह बब्बन संगठन के सफर में राजीव के नायब, यानी टीम राजीव में उपाध्यक्ष रह चुके हैं।
बब्बन की नियुक्ति को लेकर राजीव छूटते बोले- "पार्टी के भीतर जो हालात हैं, उसे देखते हुए बब्बन का चयन सर्वोत्तम निर्णय है। बब्बन में सहकार, समन्वय और सामंजस्य का नैसर्गिक गुण है। बब्बन में कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने का वो गुण है, जो नेतृत्व के लिए सबसे जरूरी है।"
बब्बन खांटी वर्कर, राम काजु कीन्हे बिनु मोहिं का विश्राम' के भाव वाले
राजीव बोले-बब्बन खांटी वर्कर हैं। संगठन से ऊपर उनके लिए कुछ नहीं। बात संगठन के कामकाज की हो तो समय/परिस्थिति जैसी हो, बब्बन 'राम काजु कीन्हे बिनु मोहिं का विश्राम' के भाव से लगते हैं। और ये सिर्फ हमारा अनुभव नहीं है, बब्बन ने जिसकी भी टीम में काम किया, सभी का ऐसा ही अनुभव होगा। पार्टी के भीतर जो हालात ...इसे राजीव ने बहुत विस्तार नहीं दिया।
संघर्ष-पथी : ढाई दशक का अनथक कार्यकर्ता
भारतीय जनता युवा मोर्चा से बब्बन ने राजनीति में एंट्री ली। मेहनत और लगन से आगे वह मोर्चा के जिला महामंत्री व जिलाध्यक्ष हुए। उसके बाद भाजपा में जिला महामंत्री व उपाध्यक्ष रहे। संघर्ष के तपते रास्ते पर चल कर आज एक मुकाम पर पहुंचे ऐसे व्यक्ति को सोशल मीडिया पर जिस तरह नाहक विशेष खांचे में स्थापित करने की कोशिश की जा रही है, दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे लोगों को सोचना होगा कि ऐसा कर वह एक संघर्ष-पथी की उपलब्धि को कमतर कर रहे हैं। कुछ और भी सवाल उठाए जा रहे हैं, उनमें एक सौरभ मिश्र नीरज और बब्बन की बॉन्डिंग का है।
तो इस बाबत देखना होगा कि सौरभ ने अपनी टीम बनाते हुए महामंत्री पद पर अनुभवी बब्बन को वरीयता दी, जबकि तब वह उपाध्यक्ष थे। माना जा रहा था कि युवा मोर्चा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष संदीप सिंह को महामंत्री बनाया जाएगा, इसलिए भी कि युवा मोर्चा के निवर्तमान जिलाध्यक्षों को भाजपा में जिला महामंत्री बनाया जाता रहा था। लेकिन, ये क्या, यहां तो 'युवा जोश' पर 'अनुभव' को तरजीह दे सौरभ ने चौंका दिया था।
हाईकमान ने पिछली मर्तबा क्वालिटीज़ की रिकग्नाइज़, अब अव्वल अंकों से किया पुनर्स्थापित
बहरहाल, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश नेतृत्व ने बब्बन की क्वालिटीज़ को पिछली मर्तबा रिकग्नाइज़ किया था, अब अव्वल अंकों से पुनर्स्थापित कर दिया है। बब्बन में जिले के 13वें जिलाध्यक्ष बने थे। इस पद का वकार कई अज़ीम शख्सियतों को हासिल रहा। भाजपा के गठन के बाद सुरेन्द्र विक्रम सिंह पहले जिलाध्यक्ष हुए।
पूर्व विधायक गंगा सिंह चौहान दूसरे, फूल सिंह (नरवा कोथावां) तीसरे, स्वयंवर सिंह चौथे, पूर्व विधायक महावीर सिंह पांचवें, सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष विद्याराम वर्मा छठे, पूर्व ब्लॉक प्रमुख राम किशोर गुप्ता 'गुड्डू' सातवें, बार संघ के पूर्व अध्यक्ष राम अवतार शुक्ला आठवें, पीसीएफ डायरेक्टर राम बहादुर सिंह नवें, आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान राजीव रंजन मिश्रा दसवें, श्री कृष्ण शास्त्री ग्याहरवें और सौरभ मिश्र 'नीरज' बारहवें जिलाध्यक्ष हुए। बब्बन को पुनः दायित्व एक कार्यकर्ता के पुरुषार्थ का परिणाम है।