प्रोफेसर के भेष में हैवान: डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर पर यौन शोषण का संगीन आरोप, अश्लील वीडियो वायरल, पुलिस की तीन टीमें तलाश में जुटीं…
हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर रजनीश कुमार पर गंभीर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। उन पर कई छात्राओं के साथ गलत हरकतें करने और उन्हें ब्लैकमेल करने के संगीन आरोप हैं।
मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब उनके अश्लील वीडियो सामने आए, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर उन्हें पकड़ने के लिए तीन टीमें गठित कर दी हैं। हालांकि, एफआईआर दर्ज होते ही प्रोफेसर फरार हो गया है, और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
कैसे खुली पोल?
यह मामला करीब 10 महीने पहले सामने आया था, जब पुलिस को एक गुमनाम चिट्ठी मिली थी। इस पत्र में पीड़िता का नाम नहीं था, लेकिन आरोप बेहद गंभीर थे। यह शिकायत "लाचार बहन" के नाम से दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने इस मामले में जांच भी शुरू की थी, लेकिन कोई भी पीड़िता खुलकर सामने नहीं आई, जिसके कारण जांच बंद कर दी गई।
हाल ही में, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को भी इसी तरह की एक गुमनाम शिकायत मिली, जिसमें एक सीडी भी शामिल थी। इस सीडी में प्रोफेसर रजनीश कुमार के कई आपत्तिजनक वीडियो थे, जिसमें वे छात्राओं के साथ अनुचित हरकतें करते नजर आ रहे थे। इसके बाद महिला आयोग ने यह मामला हाथरस पुलिस को सौंप दिया, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
एफआईआर के बाद बढ़ा दबाव, कॉलेज प्रशासन ने की कार्रवाई
जैसे ही यह मामला तूल पकड़ने लगा, पुलिस ने कॉलेज प्रशासन से संपर्क किया। प्रिंसिपल और मैनेजमेंट ने तुरंत एक आपातकालीन बैठक बुलाई और मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रोफेसर रजनीश कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। सस्पेंड होते ही आरोपी प्रोफेसर फरार हो गया और उसका कोई पता नहीं चल रहा है।
पुलिस की जांच और गिरफ्तारी की कोशिशें
हाथरस पुलिस ने प्रोफेसर की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें गठित की हैं। पुलिस अधीक्षक (SP) ने बताया कि आरोपी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए छात्राओं को एग्जाम में पास कराने, सरकारी टीचर की नौकरी दिलाने और कॉम्पटीशन में सफल होने का लालच देकर उनका यौन शोषण करता था।
पुलिस को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?
गुमनाम शिकायतें: इस मामले में अभी तक किसी भी पीड़िता ने खुलकर बयान नहीं दिया है, जिससे पुलिस के लिए केस मजबूत बनाना मुश्किल हो रहा है।
वीडियो की सत्यता की जांच: जो अश्लील वीडियो मिले हैं, वे 2023 के बताए जा रहे हैं, इसलिए पुलिस को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे असली हैं और किसी तरह से मॉर्फ नहीं किए गए।
आरोपी की फरारी: प्रोफेसर रजनीश कुमार गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है, जिससे पुलिस के लिए उसे पकड़ना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
ब्लैकमेलिंग की साजिश: पुलिस के मुताबिक, प्रोफेसर खुद ही यौन शोषण के वीडियो रिकॉर्ड करता था, ताकि बाद में उन्हें ब्लैकमेल कर सके और पीड़िताओं को दोबारा अपने जाल में फंसा सके।
पुलिस फिलहाल आरोपी को पकड़ने के लिए लगातार रेड कर रही है और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की उम्मीद है। प्रशासन ने यह भी अपील की है कि अगर कोई भी पीड़िता सामने आकर गवाही देना चाहती है, तो उसकी पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी और उसे सुरक्षा दी जाएगी।
यह मामला न सिर्फ शिक्षा प्रणाली की सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे कुछ लोग अपने पद का गलत इस्तेमाल करके निर्दोष छात्राओं की जिंदगी को प्रभावित कर सकते हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस कब तक आरोपी प्रोफेसर को गिरफ्तार कर पाती है और पीड़िताओं को न्याय मिलता है या नहीं।