नक्सल पुनर्वास योजना: सरेंडर्ड नक्सलियों और प्रभावित परिवारों को मिलेगा 2 BHK, मंत्रालय ने दी मंजूरी, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

Update: 2024-11-19 04:31 GMT

CG Naxal Rehabilitation Scheme : छत्तीसगढ़। राज्य सरकार ने पूर्व नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए 15,000 मकान बनाने की योजना बनाई है। इस प्रस्ताव को ग्रामीण विकास मंत्रालय से मंजूरी मिल चुकी है और सभी लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2-BHK आवास का विकल्प पसंदीदा स्थान पर दिया जाएगा। केंद्र ने राज्य सरकार से कहा है कि 5 दिसंबर 2024 तक सभी पात्र लाभार्थियों का विवरण और मकान बनाने का प्रस्ताव जमा किया जाए।

बता दें कि,मार्च 2024 तक करीब आठ हजार परिवार नक्सल हिंसा के शिकार हो चुके हैं। 2019 से लेकर अब तक 1,290 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें से 733 आत्मसमर्पण इसी वर्ष हुए हैं। वर्तमान में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सल हिंसा के शिकार परिवारों का नया सर्वे कर रहा है। भविष्य में जो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा।

गृह मंत्री से मिले थे सुझाव

मई 2024 में राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास नीति के लिए ऑनलाइन क्यूआर कोड, गूगल फार्म और मेल आईडी (niyadnellabastar@gmail.com) जारी करके सुझाव मांगे थे। कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण के बदले सुरक्षित जगह पर आवास की मांग की थी। इस पर विचार करते हुए नक्सल प्रभावित और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए आवास देने की विशेष योजना बनाई गई।

गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस विशेष योजना के तहत मकान बनाने की स्वीकृति दे दी है। यह योजना नक्सलवाद के खात्मे में मददगार साबित होगी और इससे उन युवाओं को मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी जो नक्सलियों के साथ जुड़े थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है। खास बात यह है कि विष्णु देव साय सरकार के 11 महीनों के कार्यकाल में नक्सलियों के खिलाफ अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने 197 नक्सलियों को मार गिराया है, जो कि अब तक के इतिहास में एक वर्ष में सबसे बड़ी संख्या है।

आवास योजना से पहले सड़क निर्माण 

आवास योजना को सफल बनाने के लिए पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक लगातार मानिटरिंग कर रही हैं। आवास की स्वीकृति मिलते ही उन्होंने बस्तर का दौरा किया और अबूझमाड़ के दूरदराज क्षेत्रों में सड़क और आवास बनाने के लिए जगह का चयन किया। इस दौरान उनके साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक और महात्मा गांधी नरेगा योजना के आयुक्त रजत बंसल और उपायुक्त अशोक चौबे भी मौजूद थे। टीम ने नारायणपुर के ईरकभट्टी, मसपुर, सोनपुर और ढोंडरीबेड़ा समेत अन्य गांवों में जाकर लोगों से सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।

ये हैं नक्सल प्रभावित जिले

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ राज्य के 15 जिले नक्सल प्रभावित हैं। इनमें बीजापुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद और नारायणपुर अधिक प्रभावित हैं। इसके अलावा राजनांदगांव, मोहल्ला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, सुकमा, कबीरधाम और मुंगेली भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आते हैं। वर्ष 2015 में देशभर के 11 राज्यों में 106 जिले नक्सल प्रभावित थे, लेकिन अब 9 राज्यों में 38 जिले नक्सलियों के प्रभाव में हैं।

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