अयोध्या में दीपोत्सव का नया इतिहास: 25 लाख दीयों से जगमगाई रामनगरी, 2 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बने...
अयोध्या: अयोध्या की दिवाली इस बार फिर से पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित करने में सफल रही। रामनगरी ने अपने नाम एक और बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया है। इस वर्ष, अयोध्या की दिवाली को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में एक साथ 25,12,585 दीप जलाकर दर्ज किया गया। हर साल की तरह उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अयोध्या में दिवाली का भव्य आयोजन होता है, लेकिन राम मंदिर निर्माण के चलते इस साल की दीपावली और भी खास और भावपूर्ण बन गई।
विश्वभर से श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
इस विशेष आयोजन को देखने के लिए लाखों श्रद्धालु और पर्यटक अयोध्या पहुंचे। भारतीय संस्कृति और राम की भक्ति का यह अद्वितीय दृश्य न केवल देशभर से बल्कि विदेशों से भी पर्यटकों को अपनी ओर खींच लाया। भगवान राम के दर्शन और भव्य दीपोत्सव का हिस्सा बनने के लिए लोगों ने उत्साह के साथ इस आयोजन में भाग लिया।
महीनों पहले शुरू हुई थी तैयारियाँ
उत्तर प्रदेश सरकार और अयोध्या प्रशासन ने इस ऐतिहासिक आयोजन की तैयारियाँ कई महीने पहले शुरू कर दी थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद संबंधित अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं, जिसमें कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई। सरकार का उद्देश्य न केवल एक भव्य दीपावली मनाना था बल्कि अयोध्या को विश्व मानचित्र पर स्थापित करना भी था। इस वर्ष के आयोजन में 28 लाख दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके तहत सरयू नदी के कुल 55 घाटों पर दीप सजावट की योजना बनाई गई।
25 लाख से अधिक दीयों से जगमगाई अयोध्या
हालांकि, नियत समय पर 25,12,585 दीयों को प्रज्वलित किया गया, जिससे पूरे अयोध्या को दिव्य रोशनी से नहला दिया गया। 55 घाटों पर जलाए गए दीयों की यह विशाल संख्या किसी चमत्कार से कम नहीं थी। अयोध्या के हर कोने-कोने में दीपों की जगमगाहट ने एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत किया, और इस अद्भुत आयोजन ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना स्थान दर्ज कर लिया।
#WATCH उत्तर प्रदेश: अयोध्या दीपोत्सव 2024 के दौरान एक साथ 1121 लोगों द्वारा एक साथ आरती किए जाने और 25 लाख 12 हजार 585 दीपक एक साथ प्रज्वलित करके गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 30, 2024
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा प्रमाण प्राप्त… pic.twitter.com/9cQmrzfhYz
दीयों में सरसों के तेल का उपयोग
इस वर्ष दीपों में सरसों के तेल का उपयोग खासतौर पर किया गया। हर दीए में 30 एमएल तेल डाला गया था, जो पिछले साल की तुलना में 10 एमएल कम है। इस कारण, कुल 91 हजार लीटर तेल का उपयोग हुआ, जो पिछले वर्ष के बराबर था, लेकिन इस बार दीयों की संख्या अधिक थी। इस सजावट के कारण राम मंदिर के साथ पूरे अयोध्या का दृश्य एक दुल्हन की तरह सज गया।
राम रथ यात्रा और मुख्यमंत्री योगी का संदेश
दीपोत्सव की शुरुआत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम रथ खींचा और भगवान राम का राजतिलक कर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि अयोध्या के साथ-साथ मथुरा और काशी जैसे धार्मिक स्थलों पर भी इसी तरह के भव्य आयोजन किए जाएंगे, जिससे उत्तर प्रदेश की संस्कृति और परंपराओं का सम्मान बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने अयोध्या दीपोत्सव में प्राप्त दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रमाणपत्र भी ग्रहण किए। पहला रिकॉर्ड एक साथ सबसे अधिक लोगों द्वारा दीया घुमाने का था, और दूसरा रिकॉर्ड सबसे बड़े तेल के दीयों के प्रदर्शन का।
#WATCH | Ayodhya, Uttar Pradesh: CM Yogi Adityanath receives the certificates of 2 new Guinness World Records created during the #Deepotsav celebrations in Ayodhya
— ANI (@ANI) October 30, 2024
Guinness World Record created for the most people performing 'diya' rotation simultaneously and the largest display… pic.twitter.com/I9W9XPwfc9
2 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बने
अयोध्या में दीपोत्सव 2024 के दौरान भगवान राम की नगरी ने 25,12,585 दीयों से रोशनी बिखेरते हुए नया इतिहास रच दिया। इस भव्य आयोजन में दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाए गए—पहला, सबसे बड़ी संख्या में एक साथ लोगों द्वारा ‘दीया’ घुमाने का, और दूसरा, सबसे बड़े तेल के दीयों के प्रदर्शन का।
#WATCH | Ayodhya, UP: On Ayodhya Deepotsav and Saryu Aarti, Guinness World Records official Nischal Barot says, “...The adjudicator from Guinness World Records came and he certified both of our attempts. The first attempt was most people rotating Diya, that is Aarti. In that,… pic.twitter.com/dKYppjUDbH
— ANI (@ANI) October 30, 2024
इतिहास में दर्ज हुआ दीपोत्सव
इस वर्ष का दीपोत्सव न केवल भक्तों के लिए एक अध्यात्मिक अनुभव रहा, बल्कि भारत की संस्कृति और धरोहर का संदेश पूरे विश्व तक पहुँचाने में सफल रहा। अयोध्या के इस दीपोत्सव ने न केवल एक नया इतिहास रचा बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा भी छोड़ दी कि कैसे भारतीय परंपराओं को संजोया जा सकता है।
अयोध्या की इस अद्वितीय दिवाली ने न केवल भगवान राम की नगरी को नई पहचान दी बल्कि यह दिखा दिया कि भारत अपनी संस्कृति, धरोहर और धर्म को कैसे संजोए हुए है।