अयोध्या: भगवान राम बने दूल्हा, धूमधाम से निकली बारात
-दशरथ महल से सात राज्यों के बैंडबाज, शहनाई वादकों ने लिया हिस्सा -राम नगरी के प्रमुख मंदिरों में होता है सीताराम विवाह उत्सव
अयोध्या । भगवान राम और माता सीता के विवाह की राम नगरी में धूम देखने को मिल रही है। हर मठ-मंदिर में भगवान राम और माता सीता का विवाह हो रहा है और प्रभु श्रीराम की धूमधाम से बारात निकाली जा रही है। इस खास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में राम भक्त अयोध्या पहुंचे हुए हैं। वैदिक रीति रिवाज के साथ दूल्हा बने भगवान श्रीराम रथ पर सवार होकर अयोध्या का नगर भ्रमण कर रहे हैं।गाजे-बाजे के साथ निकाली जा रही है।
दशरथ महल में महन्त देवेन्द्र प्रसादाचार्य जी महाराज के संयोजन में देश के सात राज्यों से आये हुए बैंड बाजा, वादन के साथ धूमधाम के साथ नगर भ्रमण की। शनिवार को शाम होते ही विभिन्न मठ-मंदिरों से प्रभु श्री राम की भव्य बारात गाजे-बाजे व हाथी-घोड़ों और आतिशबाजी की धूम के साथ निकाली गई। वहीं, नगर वासियों व श्रद्धालुओं ने बारात का जगह-जगह पुष्प वर्षा व आरती उतारकर स्वागत किया।
जय श्री राम व हर-हर महादेव के नारे गूंजते रहे और श्रद्धालु भक्त बाराती रहे। धार्मिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष पंचमी तिथि पर श्रीराम विवाहोत्सव का आयोजन होता है। बड़ा स्थान दशरथ महल, विअहुति भवन, जानकी महल ट्रस्ट, कनक भवन, दिव्यकला कुंज-रूपकला कुंज, श्रीराम वल्लभाकुंज, प्राचीन जगन्नाथ मंदिर, माधुरी कुंज, रंगमहल, रामहर्षण कुंज, रामसखी मंदिर सहित विभिन्न मठ-मंदिरों में श्री राम विवाहोत्सव मार्गशीर्ष द्वितीया से ही शुरू हो गया था।
सूर्य की लालिमा मद्धिम पड़ते ही मंदिरों से प्रतीक भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के दूल्हा स्वरूप और बारातियों में महर्षि गुरु वशिष्ठ, राजा दशरथ, हनुमंत लला, जामवंत आदि से सजी बारात निकलनी शुरू हुई तो देर शाम तक बारात निकलने का क्रम जारी रहा। प्रसिद्ध कनक भवन मंदिर व विअहुति भवन और जानकी महल ट्रस्ट की रामबारात की भव्यता देख लोग भाव विभोर हो गए। बैंड-बाजे, हाथी-घोड़ों से सजी बारात सतरंगी आतिशबाजी व झिलमिल रोशनियों के बीच नगर के प्रमुख मार्गों पर निकली तो धर्माचार्यों के साथ श्रद्धालु जय श्री राम व राम जी की निकली सवारी जैसे गीतों को लयबद्ध कर श्रद्धा से प्रफुल्लित रहे।
नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए वापस मंदिरों में समाप्त हुई। मंदिरों में बारात के वापस लौटने के साथ ही वैदिक परंपरा के मुताबिक भगवान राम व चारों भाइयों का द्वारपूजा के साथ अन्य विवाह की रस्म उल्लासपूर्ण माहौल में शुरू हो गए हैं। देर रात मठ-मंदिरों में वैदिक रीति-रिवाज से श्री राम विवाह की तैयारियां हैं। नगरी में श्रीसीताराम विवाह के उल्लासपूर्ण रंग में डूब गई है। संत-धर्माचार्यों के साथ विअहुति भवन, जानकी महल, रामहर्षण कुंज समेत अन्य मंदिरों में आयोजित हो रहे।