अयोध्या: अवैध मदरसे के खिलाफ कार्रवाई की मांग, पीआईएल की तैयारी
मदरसा अहले सुन्नत मिराजुल उलूम पर बिना मान्यता व भवन के चलाने का आरोप
अयोध्या: अयोध्या के दिल्ली दरवाजा मोहल्ले में स्थित मदरसा अहले सुन्नत मिराजुल उलूम को लेकर एक गंभीर विवाद सामने आया है। समाजसेवी श्री जाहिद खाँ वारसी ने आरोप लगाया है कि यह मदरसा बिना किसी स्वामित्व और मान्यता के चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मदरसे के पास न तो कोई निजी भूमि है और न ही भवन।
श्री वारसी ने इस संदर्भ में उच्च अधिकारियों को 22 बिंदुओं पर आधारित शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि मदरसे का संचालन नजूल भूमि पर किया जा रहा है, जिसका उपयोग केवल मस्जिद, इमामबाड़ा, और कब्रिस्तान के लिए निर्धारित है। उन्होंने नजूल विभाग के अभिलेखों में भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया, जिसमें मदरसे का नाम दर्शाकर अधिकारियों को धोखा देने की कोशिश की गई है।
श्री वारसी का कहना है कि कई बार शिकायतें करने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी मौन हैं और कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई है। 7 अक्टूबर 2024 को पूर्व रजिस्ट्रार श्रीमती प्रेमका अवस्थी और वर्तमान उपनिदेशक बस्ती मंडल द्वारा इस मदरसे की जांच की गई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
श्री वारसी ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर अवैध मदरसे के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वह न्यायालय की शरण लेंगे और दोषी अधिकारियों तथा मदरसा प्रबंधन के खिलाफ पीआईएल दायर करेंगे। अयोध्या में यह मामला अब तूल पकड़ रहा है, और लोगों की नज़रें इस पर टिकी हैं कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाते हैं।