अयोध्या में कल से शुरू होगी पूजन विधि, चंपत राय ने बताया प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कब-क्या होगा ?

प्राण प्रतिष्ठा दोपहर 12:20 बजे प्रारंभ होगी और 1 बजे तक पूरी हो जाएगी

Update: 2024-01-15 10:32 GMT

अयोध्या।  श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री एवं विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय ने सोमवार को बताया कि 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित पूजा विधि 16 जनवरी से प्रारंभ हो जाएगी। 16 जनवरी को प्रायश्चित एवं कर्म कुटी पूजन होगा।  17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश होगा। 18 जनवरी शाम को तीर्थ पूजन और जल यात्रा निकाली जाएगी। अनुष्ठान के संयोजक आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और प्रमुख आचार्य लक्ष्मी दीक्षित के नेतृत्व में 121 आचार्य अनुष्ठान संपन्न कराएंगे। 


चम्पत राय ने रामघाट स्थित कार्यशाला में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राम सबके, सब राम के, यह दृश्य 22 जनवरी को पूरी दुनिया में दिखना चाहिए। प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का यह शुभ अवसर प्रत्येक भारतवासी के लिए शताब्दी में होने वाला ऐसा गौरव का क्षण है जब हम संपूर्ण भारत के विभिन्न अंचलों और राज्यों से वहां के पारंपरिक वाद्यों का वादन रामलला के सम्मुख करने जा रहे हैं। विभिन्न राज्यों के 25 प्रमुख और दुर्लभ वाद्य यंत्रों के मंगल वादन से अयोध्या में यह प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न होगा।

अभिजीत मुहूर्त में होगी प्राण प्रतिष्ठा - 

उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को अभिजित मुहूर्त में दोपहर 12:20 बजे रामलला की प्राणप्रतिष्ठा होगी। काशी के ज्योतिषाचार्य गणेश शास्त्री ने यह मुहूर्त तय किया है। गर्भगृह में रामलला की जिस मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा होनी है, उसका वजन लगभग 200 किलोग्राम है।   प्रतिमा रामलला के पांच वर्ष के बालक की स्वरूप है, जो कि 18 जनवरी को गर्भगृह में खड़ी हो जाएगी।  

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में दुनिया के 50 देशों के 53 प्रतिनिधि भी शामिल होंगे- 

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य विशिष्ट जनों की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न होगा। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बनने के लिए देश की सभी आध्यात्मिक एवं धार्मिक मत, पंथ, संप्रदाय, उपासना पद्धतियों व सभी अखाड़े के आचार्य, सभी संप्रदायों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा साथ ही 50 से अधिक वनवासी, गिरिवासी और जनजातीय परंपराओं की उपस्थिति रहेगी। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में दुनिया के 50 देशों के 53 प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।


चम्पत राय ने कहा कि रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव अयोध्या सहित संपूर्ण भारतवर्ष ने भव्यता से मनाने का संकल्प ले लिया है। इस अवसर पर भिन्न-भिन्न प्रदेशों के जल, मिट्टी, स्वर्ण, रजत, वस्त्र, आभूषण, विशाल घंटा, नगाड़ा और भिन्न-भिन्न प्रकार की वस्तुएं लेकर भक्त निरंतर आ रहे हैं। उन्होंने रामभक्तों से आह्वान किया कि 22 जनवरी की शाम अपने-अपने घरों को रामज्योति से प्रकाशित करें।प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक नीरज दौनेरिया और विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी भी मौजूद रहे।

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