श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तय हुई तारीख, ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री मोदी को भेजा आमंत्रण

प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व इसी वर्ष दिसंबर से 15 जनवरी वर्ष 2024 तक रामनगरी में सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक वातावरण तैयार करने के लिए विभिन्न आयोजन किये जाएंगे।

Update: 2023-08-04 13:17 GMT

अयोध्या। आज से ठीक 4 साल पहले यानी 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करने के साथ ही शिलान्यास किया था। राम जन्मभूमि परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। देश व‍िदेश के करोड़ो राम भक्‍तों की आस्‍था का केन्‍द्र राम मंद‍िर तेजी से पूर्णता की ओर है। मंद‍िर में द‍िव्‍य रामलला के भव्‍य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की रूपरेखा तैयार की जा रही है। एक माह चलने वाला महोत्‍सव ऐसा होगा जो कभी क‍िसी ने न देखा होगा। रामनगरी मकर संक्रांति से शुरू होकर फरवरी तक उत्सव और अतिथियों के सत्कार में लीन रहेगी।

सजीव प्रसारण के लिए लगेंगे 10 लाख एलसीडी टीवी 

बता दे कि इसी वर्ष दिसंबर से 15 जनवरी 2024 तक रामनगरी का स्वरूप उत्सवधर्मी दिखाई पड़ेगा, जिसके लिए सांस्कृतिक के साथ-साथ आध्यात्मिक कार्यक्रम भी प्रस्तावित किए गए हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से सभी धर्मों के लोगों जोड़ा जाएगा। लगभग 10 दिन पहले से पूरे देश के 5 लाख से अधिक मंदिरों में राम नाम संकीर्तन शुरू कराया जाएगा। इस ऐतिहासिक क्षण के सजीव प्रसारण के लिए पूरे देश की सभी हिस्सों में लगभग 10 लाख एलसीडी टीवी लगाए जाएंगे।

पीएम को भेजा जा चुका है निमंत्रण 

प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व इसी वर्ष दिसंबर से 15 जनवरी वर्ष 2024 तक रामनगरी में सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक वातावरण तैयार करने के लिए विभिन्न आयोजन किये जाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण प्रधानमंत्री को भेजा जा चुका है। बताते चलें कि मंदिर का कार्य अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है। ऐसे में मंदिर के स्तम्भों को लेकर भी एक फैसला किया गया है। मंदिर के स्तम्भों पर देवी देवताओं की 6 हजार से ज्यादा मूर्तियां उकेरी जाएंगी।अभी ग्राउंड फ्लोर के स्तम्भों पर मूर्ति उकेरने का काम तेजी से चल रहा है।

2025 तक निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना 

इसी के साथ अयोध्या का बहु प्रतीक्षित श्रीराम मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया जाएगा। मंदिर की दो अन्य मंजिल का निर्माण कार्य चलता रहेगा। मंदिर निर्माण का कार्य योजना के मुताबिक चलता रहा तो साल 2025 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।

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