अवैध धर्मांतरण मामले में एटीएस को बड़ी सफलता, कलीम सिद्दीकी का सहयोगी गिरफ्तार
लखनऊ। अवैध धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार किए गए मौलाना कलीम सिद्दकी के एक और मददगार को उप्र एटीएस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अभी तक एटीएस ने मुख्य आरोपित उमर गौतम समेत 15 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
एटीएस चीफ जीके गोस्वामी ने बताया कि अभियुक्त सरफराज अली जाफरी वर्ष 2016 से सह अभियुक्त मौलाना कलीम सिद्दकी के ग्लोबल पीस सेंटर का कार्य देख रहा था। ग्लोबल पीस सेंटर जोकि कलीम सिद्दकी द्वारा संचालित संस्था है, जिसका प्रमुख कार्य धर्मांतरण संंबंधी गतिविधियों का संचालन करना है। सरफराज अली ग्लोबल पीस सेंटर के अतिरिक्त ह्युमैनिटी फॉर आल न्यू दिल्ली नाम की एक संस्था की आड़ में वह धर्म परिर्वतन कराने का कार्य कर रहा था, इसके भी एटीएस को प्रमाण मिले हैं।
लालच देकर कराता था धर्म परिवर्तन -
सफराज अली जाफरी ने पूछताछ में बताया कि मौलाना कलीम के संस्था में बतौर मैनेजर का काम देखता था। मौलाना कलीम के दाईयों के माध्यम से भेजे गए व्यक्तियों को दूसरे धर्म के बारे में दुर्व्यपदेषित करना और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करता था। इसके एवज में मौलाना कलीम से मिली धनराशि को भी लोगों को मदद के नाम पर देता था।
मोबाइल में मिले कई साक्ष्य -
देश-विदेश से आई हुई फंडिंग से अवैध धर्मान्तरण सम्बन्धी कार्यों के संचालन में अभियुक्त सरफराज जाफरी की प्रमुख भूमिका पाई जा रही है। अभियुक्त के मोबाइल फोन से ऐसे साक्ष्य प्राप्त हुए है, जिसमे अभियुक्त गण द्वारा धर्मान्तरण के कार्य का मासिक एजेंडा विस्तृत तौर पर निर्धारित करने व गतिविधियां संचालित किये जाने का विवरण मौजूद है। इसके अनुसार दावती कैंप, दावती गश्त, दावत यानी धर्मान्तरण के लिए नए स्थान चिन्हित करना, धर्मान्तरण के लिए चिन्हित स्थानों के लिए दाई यानी धर्मान्तरण में लगे प्रचारक आवंटित करना, धर्मान्तरण संबंधी अभिलेखों का प्रचारण-प्रसारण, कन्वर्ट व्यक्तियों की तरबियत के क्रम में जमातों में भेजने की व्यवस्था, धर्मान्तरित व्यक्तियों के डोक्युमेंटेशन की व्यवस्था, नौकरी और शादी की व्यवस्था कराना अन्य धर्मो के लोगों का मस्जिद विजिट की व्यवस्था कराना के साथ-साथ कंवेर्जन, नोटरी शादी लिव-इन रिलेशनशिप आदि मामलों के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था के सम्बन्ध में विस्तृत विवरण पाया गया है। अभियुक्त, सह अभियुक्त कलीम सिद्दीकी के नेटवर्क के माध्यम से धर्मान्तरित व्यक्तियों को डोक्युमेंटेशन के लिए सह अभियुक्त उमर गौतम के इस्लामिक दावा सेंटर भेजा जाता था।