योगी सरकार एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की ओर, पेश किया 6.15 लाख करोड़ का बजट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 6,15,518.97 करोड़ रुपये के विशाल बजट को विधानसभा में प्रस्तुत किया। यह वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार द्वारा प्रस्तुत 3,46,935 करोड़ रुपये के बजट के आकार से लगभग दोगुना है।
योगी सरकार-दो का यह पहला बजट वित्त वर्ष 2021-22 के लिए योगी सरकार-एक के 5,50,270.78 करोड़ रुपये के बजट से भी काफी अधिक है। इसमें 39,181.10 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल हैं, जो अखिलेश सरकार के 13,842 करोड़ रुपये की नई विकास योजनाओं के प्रस्ताव से तीन गुना अधिक है। मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के लिए एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की ओर मजबूत कदम बढ़ाते हुए 2017 से साल दर साल प्रदेश बजट में बढ़ोतरी करते हुए एक आर्थिक प्रबंधन की दिशा में 'मास्टर स्ट्रोक' दर्शाया है। योगी सरकार ने राज्य में पुलिस को मजबूत करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए करोड़ों रुपये के बजट प्रावधान की भी घोषणा की है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि योगी सरकार ने गन्ना किसानों को 16 मई, 2022 तक न केवल 1,72,745 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड भुगतान किया है, जो कि 77,530 करोड़ रुपये के संचित भुगतान के पांच वर्षों से अधिक है। अखिलेश यादव की सरकार के दौरान 95,215 करोड़, लेकिन शेष गन्ना किसानों को भुगतान के लिए 1000 करोड़ रुपये का भी प्रस्ताव किया है।
बजट में राज्य के सिंचाई संबंधी मुद्दों को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के तहत 34,307 सरकारी नलकूपों और 252 छोटी शाखा नहरों के साथ-साथ 1000 करोड़ रुपये के माध्यम से किसानों को मुफ्त सिंचाई सुविधा का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा, बजट में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत किसानों के लिए 650 करोड़ रुपये के दुर्घटना बीमा का प्रस्ताव है, जबकि अखिलेश यादव के 2.50 करोड़ रुपये के बजट में किसानों के लिए दुर्घटना बीमा योजना है।
योगी सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में दो करोड़ स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित करना है, जिसमें मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही 12 लाख शामिल हैं, जबकि अखिलेश यादव की सपा सरकार द्वारा पांच साल में एक करोड़ लैपटॉप वितरित किए गए हैं।
योगी सरकार ने भी पीएम गति शक्ति योजना के तहत मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी परियोजनाओं के लिए 897 करोड़ रुपये और मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबे 6-लेन गंगा एक्सप्रेसवे के लिए 34 करोड़ रुपये प्रस्तावित, जबकि अखिलेश यादव सरकार ने लखनऊ-आजमगढ़-बलिया के लिए 1,500 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए। समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, जिसे आखिरकार योगी सरकार ने बनवाया था।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा विधानसभा में बजट पेश करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के विजन को लेकर यह बजट तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की जन आकांक्षाओं के अनुरूप है। यह न केवल युवाओं की शिक्षा और उनके रोजगार पर केंद्रित है, बल्कि इसमें किसानों के सशक्तीकरण के साथ-साथ राज्य के सर्वांगीण विकास और कानून व्यवस्था पर भी फोकस है। उन्होंने बताया कि बजट के आकार के साथ राजस्व को भी बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने अपने संकल्प पत्र के माध्यम से जो 130 वादे जनता से किया था, उनमें से 97 संकल्पों का समावेश इस बजट में किया गया है। इनमें नई योजनाओं की संख्या 44 है। इनके लिए 54,883 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि प्रस्तावित की गई है। चालू वित्त वर्ष में कुल प्राप्तियों का अनुमान 5,90,951.71 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियों सहित।4,99,212.71 करोड़ और पूंजीगत प्राप्तियां 91,739 करोड़। राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का हिस्सा रुपये 3,67,153.76 करोड़। इसमें रुपये का अपना कर राजस्व शामिल है। 2,20,655 करोड़ और केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा 1,46,498.76 करोड़ रुपये। रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित है। 81,177.97 करोड़ जो अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.96 प्रतिशत है।