नक्सली संगठन की टूटी कमर: तीन महीनों में नक्सलियों को बड़ा नुकसान, माओवादी प्रवक्ता मोहन के पर्चे से खुलासा

Update: 2025-03-28 10:40 GMT
Naxal Problem in Chhattisgarh

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Maoist Spokesperson Mohan Pamphlet : रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान तेजी से चल रहा है, जिससे नक्सली संगठन में हड़कंप मच गया है। नक्सलियों के पर्चों और बरामद पत्रों से यह साफ हो रहा है कि वे लगातार हो रहे नुकसान से परेशान हैं।

नक्सली प्रवक्ता मोहन ने हाल ही में एक पर्चा जारी किया है, जिसमें 2025 के पहले तीन महीनों (जनवरी से मार्च) में हुई मुठभेड़ों और नक्सलियों को हुए नुकसान का विस्तृत ब्योरा दिया गया है। इस पर्चे में नक्सलियों ने केंद्र और राज्य सरकारों पर संगठित हमले का आरोप लगाया है और 4 अप्रैल को बीजापुर बंद का आह्वान किया है।

78 नक्सलियों की मौत का दावा

तेलुगु भाषा में जारी इस पर्चे में नक्सली प्रवक्ता मोहन ने बताया कि जनवरी से मार्च 2025 तक अलग-अलग मुठभेड़ों में उनके 78 साथी मारे गए हैं। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि इन हमलों में 7 ग्रामीणों की भी मौत हुई है। पर्चे में मुठभेड़ों का पूरा विवरण दिया गया है:

  • 12 जनवरी: बंदेपारा के पास 5 नक्सली मारे गए।
  • 9 फरवरी: जालिपेरू के पास 31 नक्सली ढेर किए गए।
  • 20 मार्च: गंगालूर क्षेत्र में 26 और कांकेर में 4 नक्सली मारे गए।
  • 25 मार्च: माड़ डिवीजन, इंद्रावती क्षेत्र में 3 नक्सली मारे गए।

नक्सलियों ने इस नुकसान को केंद्र और राज्य सरकारों की रणनीति का हिस्सा बताया है। पर्चे में कहा गया है कि सरकारें 31 मार्च 2026 तक माओवादी आंदोलन को पूरी तरह खत्म करने का दावा कर रही हैं, और ये हमले उसी योजना का हिस्सा हैं।

मारे गए बड़े नक्सली कैडर की सूची

पर्चे में मारे गए बड़े नक्सली कैडरों की सूची भी जारी की गई है। इनमें कई वरिष्ठ कमांडर और पार्टी सदस्य शामिल हैं:

  • रैनू (ACM), ज्योति (PM), अनीता (PM), एचम रमेश, मीका रमेश और पश्चिम बस्तर डिवीजन के सचिव उंगल।
  • मंगू (कमांडर पीपीसीएम, 11वीं पीएल), सोनू (कमांडर एसीएम डिवीजन सीएनएम), सुभाष (अध्यक्ष एसीएम नेशनल पार्क एआरपीसी), बजिनी (एसीएम डिवीजन सीएनएम डिप्टी कमांडर)।
  • वरिष्ठ कैडर: DKSZCM सुधीर, कदिती सीटो (DVCM), पूनेम सुक्की (ACM), मदकम वागा (PPCM), पूनेम बदरू (PPCM), पद्धम कोसी (ACM)।
  • पार्टी सदस्य: केशा, रघु, रोजा, ज्योति, मीना, मैनी, हिदा, सोनू, नेहर, मन्नी, संजती, राजू, देशू, अमर, सरिता और शांति।

नक्सली प्रवक्ता ने पर्चे में आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारें सशस्त्र बलों का समन्वय कर रही हैं। इसमें बस्तर फाइटर्स, डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड्स (DRG), स्पेशल टास्क फोर्स (STF), सी-60 कमांडो, CRPF, और BSF शामिल हैं। पर्चे के अनुसार, 4,000 से 10,000 जवानों को तैनात किया गया है, जो कई इलाकों को घेरकर संयुक्त रूप से हमले कर रहे हैं। नक्सलियों का कहना है कि इस रणनीति ने उनके संगठन को भारी नुकसान पहुंचाया है।

4 अप्रैल को बीजापुर बंद का आह्वान

लगातार हो रहे नुकसान से परेशान नक्सलियों ने 4 अप्रैल को बीजापुर बंद का आह्वान किया है। यह कदम सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव और संगठन की कमजोर होती स्थिति को दर्शाता है। नक्सलियों का दावा है कि सरकार की नीतियां उनके आंदोलन को कुचलने के लिए बनाई गई हैं, और वे इसका विरोध करेंगे।

सुरक्षा बलों की सफलता

हाल के महीनों में बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज ने हाल ही में बताया था कि नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी कमजोर हो गई है और उनके पास अब केवल 12-14 टॉप लीडर बचे हैं। बस्तर संभाग में करीब 1,200 माओवादी ही सक्रिय हैं, जिनमें से 400 हथियारबंद कैडर हैं। बाकी मिलिशिया और सांस्कृतिक विंग के सदस्य हैं। सुरक्षा बलों ने 2025 में अब तक 116 नक्सलियों को मार गिराया है, जिसमें से 100 बस्तर संभाग में मारे गए हैं।

नक्सलियों का दावा

नक्सलियों ने अपने पर्चे में 7 ग्रामीणों की मौत का दावा किया है, लेकिन इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है। यह दावा नक्सलियों की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, ताकि स्थानीय लोगों में सुरक्षा बलों के खिलाफ गुस्सा भड़काया जा सके। दूसरी ओर, केंद्र और राज्य सरकारें नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और इसके लिए विकास कार्यों के साथ-साथ सैन्य कार्रवाइयों को भी तेज किया गया है।

 

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