चार माह पहले ही ग्वालियर आए थे नए वायुसेना प्रमुख भदौरिया, वायुनगर में रहते है मां -पिता
भदौरिया ने 39 वर्ष की सेवा के दौरान कई अहम जिम्मेदारियां संभालीं;
- बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे देश के वायुसेना प्रमुख भदौरिया
- 30 सितम्बर को बनेंगे 26वें वायुसेना प्रमुख, ग्वालियर में रहते हैं माता-पिता
ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। यह कहावत भारतीय वायुसेना के प्रमुख बनने जा रहे राकेश सिंह भदौरिया पर बिल्कुल सटीक बैठती है। श्री भदौरिया बचपन से ही पढ़ाई में होशियार होने के कारण परीक्षा में हमेशा अव्वल रहे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सीबीएससी बोर्ड से हुई, जिसमें वह हमेशा शत प्रतिशत अंक लाते थे।
आगरा जिले की वाह तहसील थाना जैतपुर के ग्राम कोर्थ में रहने वाले सूरजपाल सिंह भदौरिया के घर जन्मे उनके ज्येष्ठ पुत्र राकेश का जन्म ननिहाल में कन्नौज जिले के ग्राम करेदा में हुआ। उनके पिता वायुसेना में होने के कारण उनकी शिक्षा चंडीगढ़ में हुई। राकेश कुमार भदौरिया बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे। सीबीएससी बोर्ड की पढ़ाई हमेशा से काफी कठिन मानी जाती है, लेकिन श्री भदौरिया का परीक्षा में परिणाम अधिकतर शत प्रतिशत ही रहता था। चाचा संतोष कुमार सिंह भदौरिया सेवानिवृत्त वारंट ऑफीसर का कहना है कि वायुसेना प्रमुख बनने जा रहे राकेश कुमार भदौरिया का परीक्षा परिणाम हमेशा 95 प्रतिशत से ऊपर ही रहता था। उनके पिता वायुसेना में होने के कारण राकेश कुमार भदौरिया के मन में भी बादलों में उड़ान भरने की इच्छा जागृत होने लगी थी। सन् 1976 में उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की परीक्षा पास कर ली और उनका वायुसेना में सेवा करने का सपना साकार होता दिखाई देने लगा। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश के बाद श्री भदौरिया ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और हर दिन नई ऊंचाइयों को छूते चले गए। जून 1980 में वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से पास आऊट हो गए, जहां से उन्हें वायुसेना में नौकरी करने का अवसर मिला। राकेश कुमार भदौरिया ने 39 वर्ष की सेवा के दौरान कई अहम जिम्मेदारियां संभालीं और यही वजह है कि उनको वायुसेना के सर्वोच्च पद से सुशोभित किया जा रहा है।
20 वर्ष पहले ग्वालियर रहने आए थे माता-पिता
सूरजपाल सिंह भदौरिया ने फोन पर चर्चा के दौरान बताया कि उनका पहले घर आगरा में था, जहां पर वह 10-15 वर्ष रहे, लेकिन आगरा में अच्छा नहीं लगने के कारण वह ग्वालियर में रहने के लिए आ गए। सूरजपाल सिंह 20-22 वर्ष से ग्वालियर के वायुनगर में रह रहे हैं। वायुनगर में राकेश कुमार सिंह भदौरिया का माता-पिता के पास आना जाना लगा रहता है। वह चार माह पहले ही ग्वालियर आए थे।
हमेशा सकारात्मक सोच रखते हैं सूरजपाल सिंह
पड़ोसी एस.एस. चौहान वायुसेना से सेवानिवृत्त मास्टर वारंट ऑफीसर ने बताया कि सूरजपाल सिंह भदौरिया हमेशा सकारात्मक सोच रखते हैं। उनका स्वभाव काफी मिलनसार है। 92 साल की उम्र में भी वे सशक्त नजर आते हैं। सूरजपाल सिंह का पूरा परिवार वायुसेना में सेवारत रहा है। हालांकि उनके पिता सोबरनसिंह भदौरिया सेना में सूबेदार थे।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
राकेश कुमार सिंह भदौरिया की माताजी का नाम श्रीमती विद्यादेवी है। उनके पिता सूरजपाल सिंह वायुसेना में फ्लाइंग लैफ्टीनेंट पद से सेवानिवृत्त हैं। छोटे भाई राजीव कुमार सिंह हैं, जो हरियाणा सरकार में सचिवालय में पदस्थ हैं और पंचकूला में रहते हैं। उनकी दो बड़ी बहनें कुसुमदेवी व किरणदेवी हैं। बड़ी बहन की कुसुमदेवी की ससुराल इटावा में है, जबकि किरणदेवी की ससुराल चंडीगढ़ में है। श्री भदौरिया का एक बेटा सौरभ हैं, जो एयर इंडिया में पायलट हैं। उनकी बेटी भी एयरलाइंस में पायलट हैं। सौरभ का 7 जुलाई 2019 को दिल्ली में विवाह हुआ था।