त्यौहार हमारे जीवन में उमंग और खुशी लेकर आते हैं व रिश्तों को मजबूत बनाने में एक अटूट कड़ी का किरदार अदा करते हैं। अपने जीवन की जिम्मेदारियों का पालन करते-करते हम इतने व्यस्त हो जाते हैं कि जीवन में नीरसता आने लगती है। ऐसे में त्यौहार और रस्म-रिवाज न केवल हमारे जीवन में रंग भरते हैं, बल्कि एक-दूसरे से जोडऩे का काम भी करते हैं। इसलिए वर्षभर पडऩे वाले प्रत्येक छोटे-बड़े त्यौहार उत्साह के साथ मनाना चाहिए जिससे घर के छोटे भी अपनी संस्कृति और परंपरा से परिचित होकर उनका पालन कर सकें।
साथ-साथ मनाते हैं त्यौहार
उदाहरण के लिए जन्माष्टमी का त्यौहार ही ले लीजिए। जन्माष्टमी का त्यौहार पूरे भारत में उत्साह से बनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को सजाने से लेकर उनका भोग बनाने तक परिवार के सभी सदस्य तनमयता से लग जाते हैं कोई प्रसाद बनाने में मदद करता है तो लड्डू गोपाल को सजाने में। अन्य दिन भले ही कोई एक दूसरे की मदद न करें लेकिन त्यौहार के समय परिवार के एकजुट होकर सभी अपनी अपनी भूमिका निभाते हैं।
त्यौहारों में रूचि कम होने का बच्चों पर असर
पहले घर के सभी लोग त्यौहार मनाते थे। बाजार जाया करते थे और त्यौहार मनाने के लिए अपना मनपसन्द सामान खरीदते थे। जब परिवार के सभी सदस्य एकसाथ घर को सजाते थे तो उसका आनन्द ही कुछ और था। अब बच्चों के साथ बाजार जाने के लिए माता-पिता के पास समय ही नहीं होता। आजकल ज्यादातर लोग त्यौहार केवल इसलिए मनाते हैं क्योंकि उन्हे ये करना होता है पर त्यौहार की उमंग और उत्साह नहीं रहता है।
मेल मिलाप बढ़ाते हैं त्यौहार
त्यौहार ही वह मौका होता है जब पूरा परिवार एक जगह इक_ा होता है। परिवार के एक साथ के आनंद को कहा नहीं जा सकता है।
बच्चों के लिए त्यौहार बड़े खास होते हैं क्योंकि उन्हें अपने चचेरे, ममेरे भाइयों-बहनों के साथ समय बिताने और साथ खेलने का मौका मिलता है। इस तरह का मेल-मिलाप उनके जीवन में रिश्तों की अहमियत को समझने में मदद करता है।
रीति-रिवाज की जानकारी
बच्चों को अपनी संस्कृति से परिचित कराने का एक अच्छा माध्यम त्यौहार होते हैं। त्यौहार के बारे में जानकारी और उसका हिस्सा बनना बच्चों के अंदर उस त्यौहार के प्रति रूचि पैदा करता है। सांस्कृतिक गतिविधियां भी कहीं न कहीं बच्चों में अच्छे संस्कार का संचार करती हैं।
रुचि से मनाएं हर त्यौहार
बच्चों को खिखाने से पहले जरूरी है कि आप भी प्रत्येक त्यौहार को उत्साह के साथ मनाएं। अक्सर काम के दबाव के चलते घर की महिलाएं त्यौहार पर बात बात पर झुझलाने लगती हैं। इससे न सिर्फ घर का महौल खराब होता है बल्कि बच्चों पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। घर के काम को शांति से पूर्ण करें। जहां भी हो जरूरी परिवार के सदस्यों की सहायता जरूर लें, खासतौर से बच्चों। बच्चों की मदद उनकी रूचि को देखते हुए ही लें जिससे वह अपना काम अधिक उत्साह के साथ कर सकें।