नई दिल्ली। भोजन भूख होने पर ही करे बिना भूख के भोजन करने से हम बीमार पड़ते है बगैर भूख के भोजन तो जानवर भी नहीं करते हैं किन्तु मनुष्य भूख हो अथवा न हो वह भोजन कर ही लेता है इसीलिए कहावत है -कि मनुष्य संसार का सबसे अस्वस्थ प्राणी है यदि हम बिना भूख के भोजन ग्रहण करते है तो पाचक रस नहीं बनने के कारण भोजन ठीक प्रकार से पच नहीं पाता व शरीर अनेक रोगों का शिकार हो जाता है। बिना भूख के भोजन बिल्कुल भी न करें, स्वस्थ रहेंगे।
हम आपको बता दें कि अन्न को परमब्रम्ह का प्रसाद समझकर ग्रहण करना चाहिए, ऐसा मानना चाहिए कि हम भोजन के रूप में साक्षात् ब्रम्ह का प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं, क्योंकि हमे कुछ घंटे नहीं मिले तो हमारी हालत वैसी हो जाती है जैसे बिना ईंधन के गाड़ी। भोजन ठूँस-2 कर नहीं करना चाहिए। भोजन भूख से थोड़ा कम ग्रहण करें, क्योंकि अत्यधिक भोजन करने से उसका पाचन ठीक प्रकार से नहीं हो पाता है और हम कब्ज के शिकार हो जाते है।
भोजन करते समय किसी भी तरह की कोई गतिविधि न करें,जैसे टी.वी. देखना, स्मार्टफोन चलना, अखबार पढ़ना, और कोई तनाव पूर्ण काम न करें। भोजन हमेशा शांति से करें, क्योंकि भोजन के समय इस तरह की कोई गतिविधि करने से हमारे पाचन रसों के निर्माण में बाधा पड़ती है।
भोजन करें इतनी बार ग्रहण
वेदों में सुबह और शाम भोजन करने की लिखा है, आयुर्वेद में कहा गया हैं कि "एक टेम खावे योगी, 2 टेम खावे भोगी (संसारी), व 3 टेम खावे वो रोगी", किन्तु हम तो 3 क्या 4-5 बार खा लेते हैं बता दें कि भूख होने पर ही 2 बार भोजन करें। भोजन में नाश्ते को स्थान न दें, आवश्यकता हो तो नाश्ते में फल लिए जा सकते हैं। आजकल तो अमेरिका में भी इसी सिद्धांत का अनुसरण करके नाश्ता छोड़ो अभियान चलाया जा रहा है।