कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापन पर रोक के लिए दिशा-निर्देशों का मसौदा तैयार
नई दिल्ली (New Delhi)। कोचिंग संस्थानों (Coaching institutes.) में उम्मीदवारों की सफलता दर (Success rate of candidates.) के संबंध में भ्रामक विज्ञापनों (Misleading advertisements.) के संबंध में एक दिशा-निर्देश तैयार किया गया है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) (Central Consumer Protection Authority (CCPA).) ने इसको लेकर गठित समिति की पहली बैठक 08 जनवरी को आयोजित की गई जिसमें समिति ने दिशा-निर्देशों के मसौदे पर विचार-विमर्श किया गया। इसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि सीसीपीए के मुख्य आयुक्त और उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए दिशा-निर्देशों का मसौदा तैयार किया गया है। इस मसौदे में सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के मकसद से ‘क्या करें और क्या न करें’ को निर्दिष्ट किया गया है।
सीसीपीए के मुख्य आयुक्त और उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए तैयार दिशा-निर्देशों के मसौदे को जल्द ही मंजूरी दी जाएगी और इसे जारी किया जाएगा। ये दिशा-निर्देश सभी कोचिंग संस्थानों पर लागू होंगे, चाहे वे ऑनलाइन हों या भौतिक फॉर्म में हों, इसमें किसी प्रारूप या माध्यम की परवाह किए बिना सभी प्रकार के विज्ञापन शामिल होंगे। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापन के लिए जुर्माना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुसार नियंत्रित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सीसीपीए ने कोचिंग संस्थानों द्वारा भ्रामक विज्ञापन के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी। इस संबंध में, सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापन के लिए 31 कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किया है उनमें से 09 पर भ्रामक विज्ञापन के लिए जुर्माना लगाया है।