पाकिस्तान में महामारी के बाद आर्थिक हालात बदतर, बेरोजगारी दर 16 फीसदी के पार

Update: 2021-09-28 06:54 GMT

इस्लमाबाद। पाकिस्तान की खराब आर्थिक हालात और कोरोना महामारी के चलते बेरोजगारी दर अपने उच्चतम स्तर 16 फीसदी के पार पहुंच गई है। इमरान खान की सरकार हर मोर्चे के साथ इस मोर्चे पर भी बुरी तरह फेल हुई है। 

जानकारी के अनुसार सोमवार को पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स (पीआईडीई) के द्वारा पेश आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में बेरोजगारी दर 16 फीसदी तक पहुंच गई है, जो इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार के 6.5 फीसद के दावे के विपरीत है। 

पीआईडीई ने बेरोजगारी की बढ़ती दर की एक गंभीर तस्वीर को उजागर किया है और कहा है कि देश में इस समय कम से कम 24 फीसदी शिक्षित बेरोजगार हैं। योजना और विकास पर सीनेट की स्थायी समिति को अपनी ब्रीफिंग में पीआईडीई ने कहा कि देश भर में 40 फीसदी शिक्षित महिलाएं(स्नातक से कम या स्नातक) भी बेरोजगार थीं। 

एक जानकारी के अनुसार बेरोजगारी का आलम यह है कि हाल में एक उच्च न्यायालय में एक चपरासी के पद के लिए 15 लाख से अधिक बेरोजगारों ने आवेदन किया था। पीआईडीई के अधिकारियों ने कहा कि सरकार के स्तर पर कोई शोध नहीं किया जा रहा है, यह कहते हुए कि इस तरह के सभी अध्ययन विदेशों से किए गए। समिति ने कहा कि देश में कई शोध संस्थान चल रहे हैं, लेकिन शोध के उद्देश्य पूरे नहीं हो रहे हैं। 

जबकि पाकिस्तान की इमरान सरकार का दावा है कि देश में बेरोजगारी दर 6.9 फीसदी है। पाकिस्तान की सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) द्वारा प्रकाशित श्रम बल सर्वेक्षण (एलएफएस) के अनुसार, 2017-18 में पाकिस्तान की बेरोजगारी 5.8 फीसदी बेरोजगारी से बढ़कर 2018-19 में 6.9 फीसदी हो गई है।पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सत्ता में आने पहले वर्ष में पुरुषों और महिलाओं दोनों में बेरोजगारी में वृद्धि देखी गई, पुरुष बेरोजगारी दर 5.1 फीसदी से बढ़कर 5.9 फीसदी और महिला बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी से बढ़कर 10 फीसदी हो गई।

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