कभी - कभी आवाज उठानी पड़ती है: CM ममता बनर्जी बोलीं - मैंने छात्र आंदोलन नहीं BJP के खिलाफ बोला

Update: 2024-08-29 08:21 GMT

CM Mamata Banerjee

पश्चिम बंगाल। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल रेप मर्डर केस में छात्रों के आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) के कुछ बयान खूब वायरल हुए थे। बांग्ला भाषा में दिए गए उनके बयानों पर बहुत विवाद भी हुआ। इसके बाद अब उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि, मैंने छात्र आंदोलन नहीं भाजपा के खिलाफ बोला था। उन्होंने यह भी कहा कि, कभी - कभी आवाज उठानी पड़ती है...

एक्स पर किए एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखा कि, 'मैंने कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान देखा है, जिसे कल हमारे छात्रों के कार्यक्रम में मेरे द्वारा दिए गए भाषण के संदर्भ में चलाया गया है।'

आंदोलन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं :

सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि, 'मैं स्पष्ट रूप से स्पष्ट करना चाहता हूँ कि मैंने (मेडिकल आदि) छात्रों या उनके आंदोलन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है। मैं उनके आंदोलन का पूर्ण समर्थन करता हूँ। उनका आंदोलन वास्तविक है। मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी, जैसा कि कुछ लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। यह आरोप पूरी तरह से झूठा है।'

ममता बनर्जी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि, 'मैंने भाजपा के खिलाफ बोला है। मैंने उनके खिलाफ इसलिए बोला है, क्योंकि भारत सरकार के समर्थन से वे हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्र के समर्थन से वे अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और मैंने उनके खिलाफ आवाज उठाई है।'

उठानी पड़ती है विरोध की आवाज :

'मैं यह भी स्पष्ट करना चाहता हूँ कि कल मैंने अपने भाषण में जिस वाक्यांश ("फोंश करा") का इस्तेमाल किया था, वह श्री रामकृष्ण परमहंस देव का एक उद्धरण है। महान संत ने कहा था कि कभी-कभी अपनी आवाज उठाने की जरूरत होती है। जब अपराध और आपराधिक वारदातें होती हैं, तो विरोध की आवाज उठानी पड़ती है। उस मुद्दे पर मेरा भाषण महान रामकृष्णवादी कहावत का प्रत्यक्ष संकेत था।'

ओडिशा और असम के मुख्यमंत्रियों से हुई थी बहस :

बता दें कि, ममता बनर्जी ने कहा था कि, अगर बंगाल जलेगा तो असम, बिहार, मणिपुर और ओडिशा भी नहीं बचेगा और यह आग दिल्ली तक पहुंचेगी। इसके बाद असम के मुख्यमंत्री समेत ओडिशा के मुख्यमंत्री ने ममता बनर्जी के बयां का विरोध किया था। सीएम हेमंत बिश्व शर्मा ने तो यहां तक कह दिया था कि, दीदी आपकी हिम्मत कैसे हुई...।

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