अमेरिका ने माना भारतीय कोवैक्सीन कोरोना के 617 वेरिएंट पर असरकारक

Update: 2021-04-28 12:15 GMT

नईदिल्ली।  देश में जारी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर राहत देने वाली बड़ी खबर सामने आई है। अमेरिकी वैज्ञानिक ने इस वैक्सीन को कोरोना के खिलाफ सबसे ज्यादा असरकारक माना है। व्हाइट हाउस के एडवाइजर डॉ. एंथनी फौसी ने कहा भारत में निर्मित कोवैक्सीन कोरोना के वैरिएंट 617 के के खिलाफ कारगर है।

 उन्होंने कहा ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में कोवैक्सिन लगवाने वाले लोगों के डेटा से वैक्सीन के असर के बारे में पता चला है। ये कोरोना के 617 वेरिएंट को बेअसर करने वाला पाया गया है। इसलिए भारत में मुश्किल हालात के बावजूद वैक्सीनेशन काफी अहम है।  

क्या है वैरिएंट 617 ?

भारत में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या और तेजी से होते प्रसार के लिए 617 वैरिएंट को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। इस वेरिएंट के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र और दिल्ली में सामने आए है।  

कई विदेशी वेरिएंट पर असरकारक - 

बता दें की इससे पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर )  ने 20 अप्रैल को कहा था कि कोवैक्सिन डबल म्यूटेंट कोरोना वैरिएंट के खिलाफ भी प्रोटेक्शन देती है। अपने अध्ययन के आधार पर आईसीएमआर ने कहा था की ये वैक्सीन दक्षिण अफ्रीकी, ब्राजील और यूके वेरिएंट के खिलाफ भी असरदार है। यह इन सही वेरिएंट से प्रोटेक्शन देती है।  देश में जारी दूसरी कोरोना लहर के दौरान इन्हीं वेरिएंट्स को जिम्मेदार माना जा रहा है।  दरअसल, भारत के 10 राज्यों में सामने आया है की डबल म्यूटेंट कोरोना वैरिएंट सबसे घातक है। ये कम समय में नाही जल्दी से एक -दूसरे में ट्रांजिट होता है, बल्कि बहुत कम समय में ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। 

 





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