करनाल में किसान आंदोलन समाप्त, दो शर्तो पर बनी सहमति, विवादित IAS को छुट्टी पर भेजा
करनाल। करनाल में चल रहा आंदोलन किसानों और प्रशासन के बीच समझौता होने के बाद समाप्त हो गया। किसान नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच वार्ता सफल रही। दोनों पक्षों के बीच बसताड़ा में हुए लाठीचार्ज की जांच और मृतक के परिजन को डीसी रेट पर नौकरी देने पर सहमति बन गई।
बीती 28 अगस्त को धरना दे रहे किसानों पर हुए लाठीचार्ज की रिटायर्ड जज जांच करेंगे, जो एक माह में पूरी हो जाएगी इसके साथ ही विवादित आईएएस आयुष सिन्हा को एक माह की छुट्टी पर भेज दिया गया है।इस लाठीचार्ज से पहले करनाल के एसडीएम आईएएस आयुष सिन्हा का एक वीडियो वायरल हु था जिसमें वह डयूटी मजिस्ट्रेट होने के नाते किसानों के सिर फोड़ने की बात कहते हुए सुनाई दे रहे थे। एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने सात सितंबर को करनाल में महापंचायत की थी। इस महापंचायत के बाद किसानों ने करनाल के लघु सचिवालय में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था। धरने के दौरान किसानों के साथ कई बार वार्ता हुई लेकिन बात नहीं बनी।
वरिष्ठ आईएएस देवेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार मृतक किसान सतीश काजल के परिवार के दो सदस्यों को करनाल में डीसी रेट के आधार पर स्वीकृत पदों पर नौकरी देने के लिए तैयार है। नौकरी की प्रक्रिया दो सप्ताह के भीतर शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रस्ताव को संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों ने स्वीकार कर लिया है। इस अवसर पर बोलते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि यह किसानों के संघर्ष की जीत है। हमें उम्मीद है कि हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज द्वारा इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने इस फैसले पर अपनी सहमति दे दी है। चढूनी ने कहा कि अब अगली बैठक दिल्ली मोर्चे पर होगी। उन्होंने कहा कि पहले जिस तरह से बसताड़ा टोल पर धरना था वह जारी रहेगा। पहले की तरह भाजपा-जजपा नेताओं का घेराव जारी रहेगा।