कृषि कानूनों के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे किसान, याचिका पर सुनवाई की मांग
सिंघु बॉर्डर पर शुरू हुआ कोरोना टेस्ट
नईदिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन का आज 16 वां दिन है।किसान संगठनों ने सरकार द्वारा भेजे गए संसोधन के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। कल गुरूवार को कृषि मंत्री ने ठोस मुद्दों पर चर्चा के लिए किसानों को आमंत्रित करते हुए इसके लाभ बताये थे। कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान संगठनों ने इसके बाद देश भर में आंदोलन को तेज करने की घोषणा की है। इसी कड़ी में आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने आज सर्वोच्च न्यायलय का दरवाजा खटखटाया है।
किसान कमजोर होंगे -
भारतीय किसान यूनियन ने तीनों कृषि बिलों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा की इन कानूनों के कारण किसान कॉरपोरेट के लालच में पड़कर कमजोर होंगे। इससे पहले किसान संगठनों ने स्पष्ट किया की वह पीछे नहीं हटेंगे। देश भर में आंदोलन और तेज करेंगे। वहीँ केंद्रीय कृषि मंत्री ने गुरूवार को प्रेस वार्ता कर नए सिरे से चर्चा के लिए आमंत्रित किया है।
कोरोना टेस्ट शुरू
कृषिु कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में एकत्र हुए किसानों में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। जिसे देखते हुए सरकार ने कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार करीब प्रतिदिन करीब 200 लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। जिसे अब तक कोई भी संक्रमित नहीं मिला है।
प्रधानमंत्री ने की अपील -
प्रधानमंत्री मोदी ने जारी आंदोलन के बीच आज शुक्रवार को ट्वीट कर कृषि मंत्री की प्रेस वार्ता को लोगों से सुनने की अपील की है।उन्होंने लिखा की मंत्रिमंडल के मेरे दो साथी नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने कृषि कानूनों को विस्तार से समझाया है, इसे सुने।
भाजपा करेगी चौपाल -
कृषि कानूनों के लाभ समझाने के लिए भाजपा देश भर में चौपाल शुरू करने जा रही है। भाजपा हर जिले में चौपाल और प्रेस वार्ता के जरिये लोगों को कृषि कानून के महत्व समझायेगी।