Hariyali Teej Puja: यहां जाने हरियाली तीज, पूजा और आरती करने का सही तरीका

Hariyali Teej Puja: हरियाली तीज का त्योहार सावन के महीने में पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए मनाया जाता है।

Update: 2024-08-07 05:23 GMT

हरियाली तीज का त्योहार सावन के महीने में आता है और इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस त्योहार का खास महत्व है क्योंकि इसे पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए मनाया जाता है।

आइए जानते हैं कैसे करें हरियाली तीज की पूजा और आरती साथ ही क्‍या है हरियाली तीज का महत्व... 

हरियाली तीज धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। हरियाली तीज का त्योहार सभी महिलाओं के लिए विशेष होता है और इसे बड़े उत्साह और श्रद्धा से मनाया जाता है। इस प्रकार, हरियाली तीज की पूजा और आरती का पालन करने से आप भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में खुशियां और समृद्धि ला सकते हैं। इस सरल विधि से हरियाली तीज की पूजा करके आप अपने परिवार के सुख और समृद्धि की कामना कर सकते हैं।

हरियाली तीज की तैयारी

सबसे पहले पूजा की जगह और घर को अच्छे से साफ करें। पूजा स्थल को फूलों और आम के पत्तों से सजाएं। एक थाली में भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति, जल का कलश, चावल, रोली, मौली, फल, मिठाई, नारियल, दीपक, धूपबत्ती, और एक नई साड़ी या वस्त्र रखें। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत रखें।भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें। जल का कलश रखें और उसमें एक नारियल रखें। सबसे पहले दीपक जलाएं और धूपबत्ती दिखाएं। भगवान शिव और माता पार्वती को जल अर्पित करें। चावल और रोली से तिलक करें। फूल चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं। पूजा के बाद प्रसाद को सभी में बांटें।

पूजा के बाद आरती करना बहुत महत्वपूर्ण है। आरती के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती के भजन गाएं और उनकी महिमा का गुणगान करें। 

  • जय शिव ओमकारा, जय शिव ओमकारा
  • ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा
  • एकानन चतुरानन, पंचानन राजे
  • हंसासन गरुड़ासन, वृषवाहन साजे
  • जय शिव ओमकारा, जय शिव ओमकारा

आरती के बाद भगवान से अपनी मनोकामना कहें और उनकी कृपा पाने की प्रार्थना करें। पूजा समाप्त होने के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें और भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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