"हमने मध्यप्रदेश में शासन की नवीन कार्य संस्कृति को दिया है"

शुक्रवार को भोपाल से खरगोन/बुरहानपुर यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर में स्‍वदेश के समूह संपादक अतुल तारे ने मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह से आगामी विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत अनौपचारिक बातचीत की।

Update: 2023-03-18 06:42 GMT

मप्र के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का भारत की संसदीय राजनीति में एक पृथक वैशिष्ट्य है। सिर्फ इसलिए नहीं कि वे मप्र के 18 साला सीएम हैं, अपितु उन्होंने मप्र में जनता के मुख्यमंत्री की ऐसी छवि निर्मित की है जिसे तोड़ पाना शायद ही किसी के लिए संभव हो। अक्सर मुख्यमंत्री स्तर के राजनेताओं के कृतित्व में एक सामंती-सा ऑरा स्वयमेव साथ चलता है, लेकिन शिवराज जी इसके इकलौते अपवाद हैं, क्योंकि वे जैसे पहले थे आज भी वैसे ही हैं या यूं कहें कि मुख्यमंत्री बनकर उनकी सह्रदयता, संवेदनशीलता और सहजता की गहराई और भी अधिक बढ़ गई है। यही कारण है कि आम और खास के बीच उनकी छवि में कोई दोहरापन नहीं है। इसीलिये उनकी आमसभा में अंतिम छोर पर बैठा गरीब आदमी भी यह महसूस करता है कि सामने मुख्यमंत्री नहीं कोई उसका अपना, अपने जैसा ही आदमी बोल रहा है। आम आदमी से अपनेपन का यह रिश्ता चुनावी राजनीति में तब्दील हो चुके लोकतंत्र में भरोसे की मजबूत रेख बनाता है। असल में जिस अद्वैत की बात मुख्यमंत्री अपने भाषण में अक्सर करते हैं वह मप्र की जनता और मुख्यमंत्री के मध्य सुस्‍पष्‍ट महसूस की जा सकती है। यही शिवराज सिंह चौहान का वैशिष्ट्य है जो उन्हें नेताओं की भीड़ में एक अलग भावभूमि पर खड़ा करता है।


Full View

शुक्रवार को भोपाल से खरगोन/बुरहानपुर यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर में स्‍वदेश के समूह संपादक अतुल तारे ने मुख्‍यमंत्री से आगामी विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत अनौपचारिक बातचीत की। प्रस्तुत है इस बातचीत के चुनिंदा अंश-

हमारे प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में संगठन, सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को जनता के मध्य ले जाने में पूरी क्षमता से प्रयत्नशील रहा है। मप्र में भाजपा सरकार की लंबी और रिकार्ड कालावधि हमारे संगठन की सर्वव्यापकता और सतत सक्रियता का ही परिणाम है। सरकार चलाते समय हमारा ध्येय भी यही रहता है कि यह संगठन की सरकार है और हम इसी दिशा में काम करने का प्रयत्न करते हैं। सरकार और संगठन एकमेव और समवेत होकर प्रदेश के कल्याण में लगे हुए है।

शिवराज सिंह: दीगर दलों की तरह हमारी कार्य संस्कृति केवल चुनावी नहीं होती है। भाजपा का राजनीतिक अधिष्ठान जनसेवा का है। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि मप्र में हमने शासन की नई संस्कृति खड़ी की है जो अंत्योदय की अवधारणा को साकार करती है। मुझे पूरा भरोसा है कि मप्र में भाजपा 2023 में भी शानदार जीत दर्ज करने जा रही है।
शिवराज सिंह: हमने विकास को राजनीति का आधार बनाकर मप्र का कायांतरण किया है। प्रदेश को माफिया और दस्यु मुक्त करने का काम भी किया है। निवेश से लेकर स्वरोजगार और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में मप्र ने नए मानक स्थापित किये हैं। मप्र की सामाजिकी और इससे जुड़ी आर्थिकी में बेटियों को बोझ समझा जाता था आज हमारी सरकार ने महिलाओं को खुला आसमान उपलब्ध कराया है।
शिवराज सिंह: गुजरात मॉडल वस्तुतः मीडिया का गढ़ा हुआ शब्द है। भाजपा में निर्णय सामूहिकता के साथ होते हैं। हमने देश की राजनीति में एंटी इनकम्बेंसी के स्थान पर प्रो इनकम्बेंसी की नई थियरी दी है मोदी जी के नेतृत्व में हम सफल होंगे मुझे पूरा भरोसा है।
शिवराज सिंह: मप्र में जातिवादी दलों का पहले भी कभी अस्तित्व नहीं रहा है। बसपा या अन्य दल मैदान में दिखें न दिखें इससे भाजपा की राजनीति पर कोई फर्क नहीं पड़ता। हम अपने लक्ष्य पर केंद्रित होकर काम करते है और इसलिए पिछले कई चुनावों में हमने बसपा या अन्य दलों की मौजूदगी के बाद भी जनता का भरोसा जीता है।
शिवराज सिंह: आम आदमी पार्टी की पोल अब जनता के मध्य खुल चुकी है। पंजाब में जो चिंतनीय हालात हैं वह देश के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। दिल्ली में आधी कैबिनेट जेल में है, क्या इस मॉडल पर वे परिवर्तन की राजनीति करने आये थे। नगरीय चुनाव में मिली आंशिक सफलता को आम चुनाव के साथ विश्लेषित किया जाना तर्कसंगत नहीं है।
शिवराज सिंह: मैं इस बात से इनकार नहीं करता हूँ कि कुछ हमारे साथी जनता और कार्यकर्ताओं के मध्य उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप खुद को प्रमाणित नहीं कर पाते हैं। लेकिन यह स्वाभाविक है। पार्टी जब लगातार सत्ता में होती है तो समाज के साथ कैडर की दृष्टि भी प्रतिनिधियों के प्रति बदलती ही है। हमने विकास यात्राओं का फीडबैक लिया है। जहां कहीं नाराजगी है वहां प्रतिनिधियों को कार्यशैली सुधारने को कहा है।
शिवराज सिंह: मैं नहीं मानता कि कोई मंत्री अंडर परफॉर्मर है, हाँ लेकिन हमें प्रयत्नों की पराकाष्ठा पर जाकर लक्षित वर्ग की सेवा के लिए समर्पित होकर काम करना चाहिये। सरकार में परफारमेंस की मॉनिटरिंग का भी पूरा तंत्र है और समय-समय पर इसकी समीक्षा भी होती है।
शिवराज सिंह: सत्ता की कुछ अंतर्निहित स्वाभाविक बुराइयां भी होती ही हैं। सरकार से जुड़े लोगों को अतिशय संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए। हमारा कार्यकर्ता दुनिया का सर्वश्रेष्ठ कार्यकर्ता है। कुछ जगह स्थानीय कारणों से गतिरोध होता है, जहां भी स्वाभाविक नाराजगी है उसे हम मिलकर दूर करेंगे।
शिवराज सिंह: हमने पिछले कुछ वर्षों में माफिया के विरुद्ध कठोर कारवाई की है। प्रदेश में कुछ संगठन राजनीतिक वर्कफोर्स की तरह कार्य करने का प्रयास करते हैं, जनजाति क्षेत्रों में हमने ऐसे तत्वों के विरुद्ध कड़ी कारवाई की है जो हमारे भोले भाले जनजाति भाइयों को अपने निहित स्वार्थों के लिए टूल की तरह उपयोग करते हैं। हम किसी भी स्तर पर माफिया को पनपने नहीं देंगे।
शिवराज सिंह: मप्र में कांग्रेस पहले अपने ही अंतर्विरोधों से निपट ले। बेशक हम स्वस्थ्य विपक्ष के हामी हैं, लेकिन दुर्भाग्य से मप्र में कांग्रेस एक जवाबदेह विपक्ष की भूमिका का निर्वहन नहीं कर पाई है। नेता विपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष में समन्वय नहीं। दिग्विजयसिंह और कमलनाथ में समन्वय नहीं। कमलनाथ मप्र के स्वाभाविक नेता नहीं है वे प्रदेश की नब्ज समझने में नाकाम हैं। सदन में लाडली बहना को लेकर जो बयानबाजी कांग्रेस ने की है वह दिखाता है कि कांग्रेस कितनी गैर जिम्मेदार है।
शिवराजसिंह: मप्र के भाजपा संगठन को कई तपोनिष्ठ शख्सियतों ने गढ़ा है। इसलिए इस प्रदेश में सत्ता और संगठन के समन्वय पर किसी को संशय होना ही नहीं चाहिए। मप्र में भाजपा सरकार की लंबी और रिकार्ड कालावधि हमारे संगठन की सर्वव्यापकता और सतत सक्रियता का ही परिणाम है। सरकार और संगठन एकमेव और समवेत होकर प्रदेश के कल्याण में लगे हुए है।

1- चुनाव अब बस चंद कदम दूर हैं। आपका क्या आकलन है? क्या भाजपा शानदार प्रदर्शन करने जा रही है?

शिवराज सिंह: बेशक चुनाव नजदीक हैं और लोकतंत्र में संवैधानिक व्यवस्था के तहत जनादेश के लिए जाना ही होता है। हम भी इसके लिए तैयार हैं। दीगर दलों की तरह हमारी कार्य संस्कृति केवल चुनावी नहीं होती है। भाजपा का राजनीतिक अधिष्ठान जनसेवा का है और जब हम अपने वैचारिक अधिष्ठान पर खड़े होकर काम करते हैं तो केवल चुनावी जीत हार केंद्र में नहीं होती। हम बगैर भेदभाव के जनता के कल्याण और प्रदेश के समग्र विकास के लिए संकल्पित होकर दिन रात मेहनत करते हैं। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि मप्र में हमने शासन की नई संस्कृति खड़ी की है जो बुनियादी रूप से अंत्योदय की अवधारणा को साकार करती है। भाजपा ने प्रदेश में बगैर भेदभाव के लोगों के कल्याण को सुनिश्चित किया है। विकास के हर संकेतक पर आज मप्र देश के सबसे तेज बढ़ते हुए राज्यों में एक है। प्रति व्यक्ति आय से लेकर आधारभूत संरचनात्मक विकास हो या सांस्कृतिक मानबिन्दुओं को प्रतिष्ठित करने का प्रश्न, मप्र में भाजपा सरकार के 18 साल बेमिसाल रहे हैं। 2003 के बाद हर चुनाव में जनता ने मप्र में हमारे समर्पण और सत्यनिष्ठा के साथ प्रामाणिक प्रयासों को अधिमान्यता दी है। मुझे आशा ही नहीं पूरा भरोसा है कि मप्र में भाजपा 2023 में भी शानदार जीत दर्ज करने जा रही है। इसमें कोई किंतु परन्तु नहीं है। परिणाम दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ हैं। हम अपने कार्यकर्ताओं के प्रामाणिक परिश्रम, मोदी जी के नेतृत्व और हमारी सरकार के कल्याणकारी प्रकल्पों के बल पर 2023 में सफल होंगे।

2- ऐसी तीन उपलब्धियां आप बताना चाहेंगे कि क्यों जनता भाजपा को चुने?

शिवराज सिंह: पहली बात तो यह कि मप्र की जनता के बीच यह भरोसा विकसित हुआ है कि हमारा मप्र भी देश के अन्य विकसित राज्यों की तरह साधन और क्षमता सम्पन है। कभी बीमारू राज्य की श्रेणी वाला हमारा प्रदेश आज कृषि क्षेत्र में पंजाब हरियाणा को पीछे छोड़ चुका है। 2003 की कृषि विकास दर 3 फीसदी को पीछे छोड़कर आज हम लगभग 19 फीसदी कृषि विकास दर के साथ खड़े है। खेती को लाभ का धंधा बनाने का जो संकल्प हमने लिया था उसे साकार करके दिखाया है। प्रदेश का किसान आज सरकारी नीतियों से खुशहाल हुआ है यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। हमने चरणबद्ध तरीके से प्रदेश की खेती किसानी को समुन्नत करके दिखाया है।

दूसरी बात मप्र की महिलाओँ एवं बेटियों के मन मे एक आत्मविश्वास स्थापित हुआ है। 45 लाख से ज्यादा लाडली लक्ष्मी कोई छोटा काम नहीं है। मप्र की सामाजिकी और इससे जुड़ी आर्थिकी में बेटियों को बोझ समझा जाता था आज हमारी सरकार ने महिलाओं को खुला आसमान उपलब्ध कराया है। हर मोर्चे पर हमने मातृशक्ति को संबल देकर प्रदेश में मातृ प्रधान वातावरण की निर्मिति की है। पंचायत से लेकर शिक्षा, पुलिस और सभी अन्य मोर्चों पर आज महिलाएं सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की नई इबारत लिख रही हैं। यह सामाजिक न्याय की वास्तविक स्थापना जैसा है। स्थानीय निकायों में 50 फीसदी आरक्षण के अलावा शिक्षा, पुलिस और अन्य महकमों में आरक्षण देकर हमने आधी आबादी को उसका वास्तविक हक दिलाने का काम किया है।

तीसरी बात प्रदेश की जनता ने 2003 से पहले का प्रदेश भी देखा है जहां नेता सार्वजनिक रूप से कहते थे कि बिजली, सड़क, पानी से चुनाव नहीं जीते जाते, लेकिन हमने विकास को राजनीति का आधार बनाकर मप्र के कायांतरण का काम किया है। 2003 में 44 हजार किमी सड़कें प्रदेश में थीं, आज यह आंकड़ा 4 लाख किमी पर आ गया है। 7 लाख हेक्टेयर सिंचाई सुविधा को हम 45 लाख हेक्टेयर पर ले गए हैं और अगले साल तक इसे 65 लाख हेक्टेयर तक ले जाने वाले हैं। बिजली का उत्पादन 2003 में महज 5173 मेगावाट से आज 28 हजार मेगावाट पर खड़ा कर दिया गया है। 50 साल में प्रदेश में महज 5 मेडिकल कॉलेज थे, आज इनकी संख्या 24 हो गई है। प्रदेश में औद्योगिक विकास की दर -0.61 थी जो आज 24 फीसदी पर है।

मैं आंकड़ों में और नहीं जाना चाहता हूं केवल इतना कह सकता हूँ कि हमने शासन की नई कार्य संस्कृति को जन्म दिया है जो शासन के माध्यम से प्रदेश को नई पहचान देने में विश्वास करती है।

इतना ही नहीं हमने प्रदेश को माफिया और दस्यु मुक्त करने का काम भी किया है। निवेश से लेकर स्वरोजगार और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में मप्र ने नए मानक स्थापित किये हैं।

3- गुजरात मॉडल की चर्चा अक्सर रहती है। क्या पार्टी टिकिटों में आमूलचूल बदल करेगी?

शिवराज सिंह: गुजरात मॉडल वस्तुतः मीडिया का गढ़ा हुआ शब्द है। भाजपा में निर्णय सामूहिकता के साथ होते हैं। हर राज्य और हर चुनाव की परिस्थितियां अलग अलग होती हैं। इस सबन्ध में मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि यह केवल मेरे अधिकार क्षेत्र का विषय नहीं है, पार्टी में चिंतन, परीक्षण और निर्णयन का पूरा मैकेनिज्म है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सभी पहलुओं पर विचार करके इस आशय के निर्णय लेता है। फिलहाल हमारा पूरा ध्यान सरकार की नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन पर है। हमने देश की राजनीति में एंटी इनकम्बेंसी के स्थान पर प्रो इनकम्बेंसी की नई थियरी दी है मोदी जी के नेतृत्व में हम सफल होंगे मुझे पूरा भरोसा है।

4- बसपा मैदान में कहीं दिखाई नहीं दे रही। क्या भाजपा को इस से नुकसान नहीं होगा?

शिवराज सिंह: बसपा ने जिस जातीय आधार पर राजनीति की शुरुआत की थी, उसका दीर्घकालिक होना संभव नहीं था। यह देश जातिवादी, परिवारवादी राजनीति से ऊपर उठ चुका है। प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की संसदीय राजनीति भी शुचिता की ओर स्‍थापित हो चली है। मप्र में जातिवादी दलों का पहले भी कभी अस्तित्व नहीं रहा है। बसपा या अन्य दल मैदान में दिखें न दिखें इससे भाजपा की राजनीति पर कोई फर्क नहीं पड़ता। हम अपने लक्ष्य पर केंद्रित होकर काम करते है और इसलिए पिछले कई चुनावों में हमने बसपा या अन्य दलों की मौजूदगी के बाद भी जनता का भरोसा जीता है।

5- आम आदमी पार्टी पूरे प्रदेश में लड़ने जा रही है। सिंगरौली विधानसभा और अभी ग्वालियर महापौर में उसने भाजपा के वोट भी काटे। क्या पार्टी यह मानती है ?

शिवराज सिंह: लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने का अधिकार है। 2018 में भी वे लड़े थे। आम आदमी पार्टी की पोल अब जनता के मध्य खुल चुकी है। पंजाब में जो चिंतनीय हालात हैं वह देश के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। दिल्ली में आधी कैबिनेट जेल में है, क्या इस मॉडल पर वे परिवर्तन की राजनीति करने आये थे। नगरीय चुनावों में मुद्दे और परिस्थितियों में काफी अंतर होता है इसमें मिली आंशिक सफलता को आम चुनाव के साथ विश्लेषित किया जाना तर्कसंगत नहीं है।

6- क्या आप मानते हैं कि पार्टी को स्थानीय स्तर पर एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है?

शिवराज सिंह: हर व्यक्ति की कार्यक्षमता और कुशलता एक समान नहीं हो सकती। मैं इस बात से इनकार नहीं करता हूँ कि कुछ हमारे साथी जनता और कार्यकर्ताओं के मध्य उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप खुद को प्रमाणित नहीं कर पाते हैं। लेकिन यह स्वाभाविक है, इसमें कुछ भी अलग से नहीं है। पार्टी जब लगातार सत्ता में होती है तो समाज के साथ कैडर की दृष्टि भी प्रतिनिधियों के प्रति बदलती ही है। विकास यात्राओं का फीडबैक हमने लिया है उसकी सूक्ष्मता से पड़ताल भी कर रहे हैं और जहां कहीं नाराजगी है वहा हमने अपने प्रतिनिधियों को अपनी कार्यशैली में सुधार के लिए निर्देशित किया है।

7- एक आकलन यह आता है कि मंत्रिमंडल के अधिकांश मंत्री अंडर परफॉर्मर हैं। क्या आप भी ऐसा मानते हैं?

शिवराज सिंह: मैं इस शब्द से इतेफाक नहीं रखता हूँ कि कोई अंडर परफॉर्मर है, हाँ लेकिन जनता ने हमें सेवा के लिए चुना है और हमारे संगठन के संस्कार हमें यही सिखाते है कि हमें प्रयत्नों की पराकाष्ठा पर जाकर लक्षित वर्ग की सेवा के लिए समर्पित होकर काम करना चाहिये। जब हम किसी जवाबदेही से जुड़े होते हैं तो हमें और भी विनम्र भाव से जीने की आदत डालनी चाहिये। मंत्री अपने विभाग के मुखिया होते हैं और सरकार का चेहरा भी, इसलिए उनके समक्ष दोहरी जिम्मेदारी होती है। सरकार में परफारमेंस की मॉनिटरिंग का भी पूरा तंत्र है और समय-समय पर इसकी समीक्षा भी होती है।

8- नाराजगी सरकार से इतनी नहीं है, जितने कार्यकर्ता असंतुष्ट दिखते हैं। क्या कारण है?

शिवराज सिंह: मैंने पहले ही कहा कि सत्ता की कुछ अंतर्निहित स्वाभाविक बुराइयां भी होती ही हैं, इससे कोई भी इंकार नहीं कर सकता, इसलिए जो सरकार से जुड़े लोग हैं उन्हें अतिशय संवेदनशीलता के साथ काम करने की आवश्यकता है। हमारा कार्यकर्ता दुनिया का सर्वश्रेष्ठ कार्यकर्ता है, क्योंकि भाजपा अकेला ऐसा दल है जिसके कार्यकर्ताओं की नींव एक वैचारिकी से संयुक्त रहती है। कुछ स्थानों पर स्थानीय कारणों से गतिरोध होता है लेकिन जब चुनाव की बात आती है तो हमारा कार्यकर्ता कमल निशान के लिए अपने सभी मतभेद भुलाकर काम करता है। अलबत्ता हर कार्यकर्ता के मन की बात सुनने का दायित्व हमारा है और इसे सुना ही जाना चाहिए। मप्र में सभी कार्यकर्ता देवदुर्लभ हैं और आज सरकार उन्हीं के दम पर खड़ी है। माननीय प्रधानमंत्री ने भी हाल ही में हमारी सतत जीत के मंत्र में कार्यकर्ताओं के योगदान को प्रतिष्ठित किया है। जहां भी स्वाभाविक नाराजगी है उसे हम मिलकर दूर करेंगे।

9- पहले वनकर्मियों पर हमला फिर थाने पर। क्या यह चिंताजनक नहीं?

शिवराज सिंह: बेशक यह घटना चिंतित करने वाली है लेकिन हमने पिछले कुछ वर्षों में माफिया के विरुद्ध कठोर कारवाई की है। प्रदेश में कुछ संगठन राजनीतिक वर्कफोर्स की तरह कार्य करने का प्रयास करते हैं, जनजाति क्षेत्रों में हमने ऐसे तत्वों के विरुद्ध कड़ी कारवाई की है जो हमारे भोले भाले जनजाति भाइयों को अपने निहित स्वार्थों के लिए टूल की तरह उपयोग करते हैं। सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए नीतिगत स्तर पर भी निर्णय लिए जा रहे हैं। लेकिन मैं आपके माध्यम से दोहराना चाहता हूं कि मप्र में किसी भी स्तर पर हम माफिया को पनपने नहीं देंगे।

10 कांग्रेस को विपक्ष की भूमिका में आप कितने नंबर देते हैं?

शिवराज सिंह: मप्र में कांग्रेस पहले अपने ही अंतर्विरोधों से निपट ले। बेशक हम भी एक स्वस्थ्य विपक्ष के हामी हैं, क्योंकि इससे हमें समावेशी रूप में आगे बढ़ने में सहायता मिलती है, लेकिन दुर्भाग्य से मप्र में कांग्रेस एक जवाबदेह विपक्ष की भूमिका का निर्वहन नहीं कर पाई है। नेताओं में आपसी कबीलेबन्दी जैसे हालात हैं। नेता विपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष में समन्वय नहीं। दिग्विजयसिंह और कमलनाथ में समन्वय नहीं। कमलनाथ मप्र के स्वाभाविक नेता नहीं है वे प्रदेश की नब्ज समझने में नाकाम हैं वहीं दिग्विजयसिंह की लोकछवि आज भी आम जन में प्रतिक्रियावादी है। सदन के अंदर भी हम देख रहे हैं कि कांग्रेस विधायक दल दिशाविहीन-सा नजर आता है। तार्किक बहस के स्थान पर सदन के बाहर अनर्गल आरोपों की राजनीति की जाती है। जनता इसे देख रही है। सदन में लाडली बहना को लेकर जो बयानबाजी कांग्रेस ने की है वह दिखाता है कि कांग्रेस कितनी गैर जिम्मेदाराना है।

जहां तक नम्बर देने की बात है, वह इस साल के अंत तक जनता खुद ही देने वाली हैं।

11- सत्ता संगठन में समन्वय को लेकर अक्सर चर्चा रहती है। क्या सच है?

शिवराजसिंह: मप्र के भाजपा संगठन की नजीर देश में दी जाती है। स्व. कुशाभाऊ ठाकरे, प्यारेलाल जी, लखीराम जी, पटवा जी, जोशी जी, राजमाता सिंधिया जैसी तपोनिष्ठ शख्सियतों ने इस प्रदेश के संगठन को खड़ा किया है। हमारे जैसे हजारों कार्यकर्ताओं को गढ़ा है। इसलिए यह बात बेमानी है कि कभी इस प्रदेश में सत्ता और संगठन के समन्वय पर किसी को संशय हो।

Tags:    

Similar News