लक्षद्वीप में डिसेलिनेशन प्रोजेक्ट शुरू करने का इजराइल ने किया एलान

खारे पानी को पीने योग्य बनाएगी डिसेलिनेशन तकनीक, बढ़ेगा टूरिस्ट ट्रैफिक

Update: 2024-01-09 16:23 GMT

नईदिल्ली। मालदीव और भारत के लक्षद्वीप विवाद में अब इजराइल ने भी अपनी टिप्पणी दी है। एक्स पर पोस्ट में इजराइल ने लक्षद्वीप के प्राकृतिक सौंदर्य की तारीफ करने के साथ ही एलान किया है कि वह जल्द ही लक्षद्वीप में डिसेलिनेशन प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है।

आखिर क्या है डिसेलिनेशन प्रोजेक्ट

इस तकनीक में खारे पानी को पीने योग्य बनाया जाता है, लक्षद्वीप में डिसेलिनेशन प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी भी द्वीप पर टूरिज्म तभी बढ़ेगा जब वहां पर आने वाले पर्यटकों के लिए पीने योग्य पानी उपलब्ध होगा। इज़रायल के पास समुद्र के खारे पानी को पीने योग्य बनाने की तकनीक है।

क्या है इज़रायल का इरादा

भारत में इजराइल दूतावास द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया गया है। जिसमे लिखा है कि लक्षद्वीप को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने के प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए इज़रायल तैयार है। इसके लिए वो सालभर पहले भी लक्षद्वीप विजिट कर चुका है।

भारत का दोस्त माना जाने वाला इजराइल तकनीकी मामलों में काफी आगे है। वह लक्षद्वीप में डिसेलिनेशन प्रक्रिया से खारे पानी की अशुद्धियां दूर कर उसे साफ व पीने योग्य पानी में बदलेगा। पीएम मोदी ने साल 2017 में इजरायल दौरे के समय वहां बेहद मॉर्डन तकनीक देखी थी। जिसके बाद लक्षद्वीप और अंडमान के लिए भी इस तकनीक को लेकर बात की गई।

क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में लक्षद्वीप का दौरा किया था। उन्होंने लक्षद्वीप द्वीप समूह की अपनी यात्रा के दौरान समुद्र के नीचे के जीवन का अनुभव करने के लिए 'स्नॉर्कलिंग' का आनंद लिया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर स्नॉर्कलिंग की तस्वीरें पोस्ट की और अरब सागर में स्थित द्वीपों में प्रवास के अपने अनुभव को शेयर किया। जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा कि "जो लोग रोमांचकारी अनुभव लेना चाहते हैं, लक्षद्वीप उनकी सूची में जरूर होना चाहिए। मेरे प्रवास के दौरान, मैने स्नॉर्कलिंग की भी कोशिश की। यह काफी उत्साहजनक अनुभव था।"

पीएम मोदी के इसी पोस्ट को लेकर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने अभद्र टिप्पणियां की थीं । जिनमे से एक मरियम शिउना ने टिप्पणी करते हुए पीएम मोदी को 'जोकर' और 'इजरायल की कठपुतली' कह दिया था। भारतीयों द्वारा शिउना की इस अपमानजनक टिप्पणी का जमकर विरोध किया गया। जिसके बाद उन्हें अपने उस ट्वीट को डिलीट करना पड़ा। तब से ही ट्विटर (एक्स) पर इस मामले को लेकर युद्ध छिड़ा हुआ है। इसके चलते मालदीव सरकार को अभद्र टिप्पणियां करने वाले उन मंत्रियों को सस्पेंड करना पड़ा।

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