महात्मा गांधीजी के सपनों को पूरा करने वाला है सीएए कानून : गडकरी

Update: 2019-12-22 12:51 GMT

नागपुर। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के विरोध में हो रहे हिंसक आंदोलन की निंदा करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि मुस्लिम मुल्कों में रहने वाले अल्पसंख्यक लोग मुश्किल घड़ी में भारत आ सकते हैं। हमारी सरकार राष्ट्रपिता के उसी वचन का पालन करने के लिए सीएए कानून लाई है।

नागपुर में रविवार को लोकाधिकार समिति की ओर से स्थानीय यशवंत स्टेडियम से सीएए के समर्थन में भव्य रैली निकाली गई। इस रैली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा, विश्व हिन्दू परिषद, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले), बजरंग दल, राष्ट्र सेविका समिति तथा कई स्वयंसेवी संगठन शामिल हुए। यशवंत स्टेडियम, झांसी रानी चौराहा होते हुए यह रैली रिझर्व बैंक चौराहे पर पहुंची जहां जनसभा का आयोजन किया गया। इस रैली में लगभग 25 हजार लोग शामिल हुए। इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में कई लोग सीएए का बिना सोचे-समझे विरोध कर रहे हैं। इस अधिनियम का देश ले लोगों से सीधे तौर पर कोई संबंध नहीं है।

उन्होंने कहा कि भारत को आजादी मिलने के बाद 1947 में पाकिस्तान बना। बाद में 1971 में बांग्लादेश बनाया गया। अफगानिस्तान भी मुस्लिम देश के रूप में सामने आया। इन देशों में धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक हिन्दू, जैन, सिख, पारसी, इसाई लोगों को प्रताड़ित किया जाने लगा। आजादी के समय गांधीजी ने कहा था कि मुस्लिम देशों में जो लोग धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक हैं वह कभी भी भारत में आ सकते हैं। गडकरी ने कहा कि सीएए के जरिए केन्द्र सरकार मुस्लिम देशों के अल्पसंख्यकों को गांधीजी के उसी आश्वासन की पूर्ति कर रही है।

गडकरी ने कहा कि अन्य देशों से प्रताड़ित होकर भारत आने वाले हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, इसाईयों को डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने भारत के संविधान में शरणार्थी कहा है। पड़ोसी मुल्कों से भारत में घुसपैठ करने वाले मुस्लिमों को डॉ. आंबेडकर ने शरणार्थी के रूप में स्वीकारने से इन्कार किया है। बतौर डॉ. आंबेडकर इस्लामिक मुल्कों से प्रताड़ित होने वाले मुस्लिमों के लिए दुनिया में विकल्प के तौर पर कई देश हैं लेकिन हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, इसाईयों के लिए भारत के अलावा अन्य कोई विकल्प नही है। गडकरी ने सवाल किया कि ऐसे में इन नागरिकों को शरण देना और जीवन जीने का अधिकार मुहैया कराना क्या अपराध है?

हिन्दू होना अपराध है क्या..….?

गडकरी ने बताया कि वह सच्चे स्वयंसेवक हैं तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कभी मुस्लिमों का द्वेष करने की शिक्षा नहीं देता। संघ सिखाता है कि देश हमारा घर है और इसमें रहने वाले सभी आपस में भाई-भाई हैं। इन्हीं संस्कारों के आधार पर हमारी पार्टी और सरकार चल रही है। पड़ोसी मुल्कों में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हुए लोगों को सहारा देना भी हमारी जिम्मेदारी है। राजस्थान में पड़ोसी मुस्लिम मुल्कों से आए हिन्दू शरणार्थियों की हालत बेहद खराब थी। इन लोगों ने अपना घर, पैसा, संपत्ति और मां-बहनों ने अपनी इज्जत खो दी। भारत आने के बाद उन्हें पीने का पानी और शौचालय के लिए मैंने 5 लाख रुपये की सहायता की थी। गडकरी ने सवाल पूछा कि भारत आए शरणार्थी भी क्या हमारी तरह इन्सान नहीं हैं? क्या उनकी सहायता नहीं की जानी चाहिए ? या हिन्दू होना अपराध है ?

मुस्लिमों के साथ भेदभाव नहीं

मुस्लिम समाज से मुखातिब होते हुए गडकरी ने कहा कि अभिनेत्री सलमा आगा, पृथ्वीराज कपूर के परिवार से हैं। बंटवारे के वक्त सलमा आगा के परिवार ने इस्लाम कबूल कर लिया था। फिलहाल सलमा मुंबई में रहती हैं। भारत सरकार ने उन्हें नागरिकता प्रदान की है। इसी तरह अदनान सामी को भी भारतीय नागरिकता प्राप्त है। हम किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है। दुश्मन की बहू को मां का दर्जा देने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आदर्श हैं। गडकरी ने कहा कि हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय हमारी सरकार के लिए एक समान है।

कांग्रेस बिगाड़ रही है देश का माहौल

गडकरी ने कांग्रेस पर जोरदार प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकारों ने घुसपैठियों के लिए रेड कार्पेट बिछाई थी। इन घुसपैठियों के लिए वोटर आईडी, राशन कार्ड मुहैया करवाए गए। कांग्रेस को बदले में केवल इन लोगों के वोट चाहिए थे। देश के मुसलमानों को कांग्रेस के कार्यकाल में चाय और पंचर की दुकानें मिली। नतीजतन यह समाज पिछड़ता रह गया। अब वोट बैंक की राजनीति के चलते कांग्रेस सीएए और एनआरसी का डर दिखाकर इन लोगों को गुमराह कर रही है। गडकरी ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि कांग्रेस देश में अराजकता और डर का माहौल पैदा कर रही है। इस अवसर पर गडकरी ने कहा कि भय, भूख और आतंक से मुक्ति हमारी सरकार का अजेंडा है तथा हम इसे पूरा करके रहेंगे। 

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