MP नगर पालिका अधिनियम: होने वाला है बड़ा बदलाव, नपा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की शक्ति होगी कम

Update: 2024-08-15 08:54 GMT

MP Nagar Palika Act

MP Nagar Palika Act : भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार नगर पालिका अधिनियम में बड़े बदलाव करने की तैयारी में है। इसके लिए जल्द ही अध्यादेश लाया जा सकता है। नगर पालिका अधिनियम में बदलाव करके अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की शक्ति को कमजोर किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार अभी नगर पालिका अध्यक्ष को हटाने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरी होती है लेकिन अध्यादेश आने के बाद दो तिहाई नहीं बल्कि तीन चौथाई बहुमत जरूरी होगा। इसके अलावा अध्यक्ष के खिलाफ 3 साल से पहले अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। इसके लिए नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 43-A में संशोधन किया जाएगा। कुल मिलाकर इस अध्यादेश के माध्यम से नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की शक्ति कम हो जाएगी।

अचानक नहीं लिया गया है फैसला :

नपा अध्यक्ष की कुर्सी बचाने के लिए फैसला यूंही नहीं लिया जा रहा। इसके पीछे के बड़ा कारण है। पहले बानमोर नगरीय निकाय के चुनाव के बारे में जान लीजिये। दरअसल, यहां पार्षद के चुनाव में खूब दलबदली हुई। कुछ पार्षद कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े, जीत भी गए। चुनाव जीतने के बाद ये पार्षद भाजपा में चले गए। इसके बाद इन पार्षदों ने मिलकर भाजपा की गीता जाटव को अध्यक्ष चुना।

अब समस्या क्या है ?

अध्यक्ष तो चुन ली गईं लेकिन अब असली परीक्षा शुरू हो गई। इन दलबदलू पार्षदों ने गीता जाटव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। इससे भाजपा के सामने बड़ी मुश्‍किल खड़ी हो गई। सरकार ने इस समस्‍या से निपटने के लिए तरकीब खोजी और नगरीय निकाय से जुड़े कानून में ही संशोधन करने का फैसला ले लिया।

बता दें कि, वर्तमान में दो साल तक नपा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकते हैं। अध्यादेश पेश होने के बाद तीन साल तक अध्यादेश पेश नहीं कर पाएंगे। यह नपा अध्यक्ष के लिए ऑक्सीजन जैसा साबित होगा। अधिकतर निकायों में भाजपा के अध्यक्ष हैं ऐसे में सरकार द्वारा लाया जाने वाला निर्णय सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।

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