बांग्लादेश में शेख हसीना की चुनाव में जीत भारत के लिए है अच्छी खबर

आतंक के खिलाफ कड़ा रुख, लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता, क्षेत्रीय स्थिरता से बेहतर होंगे संबंध

Update: 2024-01-08 17:24 GMT

वेब डेस्क। बांग्लादेश में एक बार फिर शेख हसीना की सरकार बन गई है। लगातार चौथी बार जीत हासिल करने के बाद शेख हसीना प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं। हालांकि, वे पांचवीं बार पीएम बनेंगी। बीच में एक बार बांग्लादेश में खलीदा जिया प्रधानमंत्री बनीं हैं, लेकिन उनके बाद से लगातार शेख हसीना की सरकार बन रही है। इस बार चुनाव में हसीना की पार्टी आवामी लीग ने 300 संसदीय सीटों में से 223 सीटें जीतीं। मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने चुनाव का बहिष्कार किया था, जो कि चुनाव से पहले हिंसा में शामिल रही है। इस जीत के साथ शेख हसीना बांग्लादेश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वाली नेत्री बन जाएंगी।

शेख हसीना ने अपनी जीत के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा - 'जो लोग आतंकवादी संगठनों से संबंध रखते हैं या अवैध गतिविधियों में लगे हुए हैं, वे चुनाव से डरते हैं। वे चुनाव लड़ने से बचते हैं. इस तरह वे मेरी नहीं बल्कि बांग्लादेश की जनता की जीत में योगदान देते हैं। मुझे खुशी है कि हम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कर सके। उन्होंने कहा, 'आपको याद होगा, मेरे पिता की हत्या के बाद भी मैंने बांग्लादेश लौटने का फैसला केवल देश में लोकतंत्र स्थापित करने के उद्देश्य से किया था। कई बार मेरी हत्या के प्रयास भी किए गए, लेकिन इनसे मैं कभी विचलित नहीं हुई'। 

शेख हसीना ने चुनावी जीत के बाद की भारत की तारीफ

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका में अपने निवास गणभवन में सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा - भारत बांग्लादेश का बहुत अच्छा दोस्त है। उन्होंने 1971 में बांग्लादेश गठन और 1975 में बांग्लादेश में हुए गृह युद्ध में हमारा समर्थन किया। हम भारत को अपना पड़ोसी मानते हैं। मैं वास्तव में इस बात की सराहना करती हूं कि भारत के साथ हमारे अद्भुत संबंध हैं। इसके साथ ही उन्होंने 'भारत और बांग्लादेश के बीच के संबंधों को भविष्य में और ऊंचाइयों पर पहुंचाने के अपने संकल्प को दोहराया। 2041 तक बांग्लादेश को एक विकसित राष्ट्र बनाने का अपना विजन भी मीडिया के सामने रखा। 

बांग्लादेश के भारत के साथ संबंध 

शेख हसीना के राजनीतिक करियर की प्रमुख विशेषताओं में से एक क्षेत्रीय सहयोग और स्थिरता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता रही है। उनके नेतृत्व में बांग्लादेश ने पड़ोसी देशों विशेषकर भारत के साथ मजबूत संबंध बनाए हैं। भारत और बांग्लादेश दोनों सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से एक अच्छा बंधन साझा करते हैं। भारत बांग्लादेश को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने वाला पहला राष्ट्र रहा है और दिसंबर 1971 में इसकी स्वतंत्रता के तुरंत बाद राजनयिक संबंध स्थापित किए गए थे। साथ ही वर्ष 2015 में ‘भूमि सीमा’ समझौते पर हस्ताक्षर, जिसने सीमा विवाद को सुलझाया और दोनों देशों की दोस्ती को और भी मजबूत किया। भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय व्यापार में सुलह और प्रगति दिखाने के लिए भारत ने बांग्लादेश को COVID-19 वैक्सीन और अन्य चिकित्सा उपकरण भेजे थे। द्विपक्षीय संबंधों में सुधार से व्यापार, सुरक्षा और कनेक्टिविटी में सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ावा मिला है, जिसने अप्रत्यक्ष रूप से क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान दिया है।

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