इस्लाम में अभय मुद्रा का जिक्र नहीं, राहुल गांधी दुरुस्त करें बयान - मुस्लिम पक्ष की नेता प्रतिपक्ष को सलाह

संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल राहुल गांधी ने सोमवार को संसद में ऐसा भाषण दिया कि, अब तक उसकी चर्चा की जा रही है।

Update: 2024-07-02 04:15 GMT

दिल्ली। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संसद में जो बयान दिया उसे लेकर हिन्दू पक्ष ने तो मोर्चा खोल ही रखा था अब मुस्लिम पक्ष ने भी इस पर नाराजगी जताई है। ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन कॉउन्सिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रया देते हुए कहा कि, इस्लाम धर्म में अभय मुद्रा का जिक्र नहीं, राहुल गांधी को अपना बयान दुरुस्त करना चाहिए।

संसद में राहुल गांधी ने अभय मुद्रा का जिक्र किया। उन्होंने अभय मुद्रा को इस्लाम से जोड़कर देखा। हिन्दू धर्म में कई देवी देवता हैं। वे अलग - अलग मुद्रा में हो सकते हैं। इस्लाम धर्म में पूजा - पाठ का कोई जिक्र नहीं है। राहुल गांधी ने नमाज को भी अभय मुद्रा से जोड़कर जस्टिफाय करने की कोशिश की लेकिन मैं उन्हें दोबारा या कहना चाहता हूँ कि, इस्लाम धर्म में अभय मुद्रा का कोई जिक्र नहीं है।

संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल राहुल गांधी ने सोमवार को संसद में ऐसा भाषण दिया कि, अब तक उसकी चर्चा की जा रही है। उन्होंने अपने भाषण में हर धर्म का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, जो खुद को हिन्दू बताते हैं वो हिंसा करते हैं। इसके बाद तो प्रधानमंत्री मोदी खुद खड़े हुए और इसे गंभीर विषय बताया। राहुल गांधी ने सदन में भगवान शिव की तस्वीर भी दिखाई और कहा कि, हिन्दू डर और हिंसा नहीं फैला सकते। जब उनका विरोध किया गया तो राहुल गांधी ने कहा कि, भाजपा - आरएसएस ने हिन्दू धर्म का ठेका नहीं ले रखा। इसके अलावा राहुल गांधी ने अभय मुद्रा का जिक्र करते हुए कहा था कि, हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख और ईसाई धर्म में अभय मुद्रा का जिक्र है। उन्होंने अभय मुद्रा को कांग्रेस के चुनाव चिन्ह से जोड़कर भी बताया था।

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