Karnataka High Court: तलाक के बाद पत्‍नी की मांग, हर महीने चाहिए 6 लाख, को‍र्ट ने लगाई फटकार, कहा...

Update: 2024-08-22 09:43 GMT

कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति ललिता कन्नेगांती का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो एक ऐसे केस के बारे में है जिसमें एक महिला ने कोर्ट से अपने अलग हुए पति से प्रति माह ₹6 लाख से अधिक का गुजारा भत्ता देने की मांग की है।

जज ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई जताते हुए कहा है कि वह वास्तव में खुद पर इतना खर्च करना चाहती है, तो खुद कमाना चाहिए।

21 अगस्त को सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति ललिता कन्नेगंती ने महिला को “न्यायालय की प्रक्रिया का दुरुपयोग” करने के खिलाफ भी आगाह किया, जह ने कहा कि एक अकेली महिला हर महीने इतने पैसे खर्च नहीं कर सकती। न ही उसे बच्‍चों की केयर करनी न ही उस पर कोई जिम्‍मेदारी है।”

थेरेपी के लिए 5 लाख, खाना के लिए 60 हजार…

महिला के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनकी क्‍लाइंट को हर महीने थेरेपी के लिए 5 लाख, जूते और ड्रेस के लिए 15 हजार, खाना के लिए 60 हजार की जरूरत है। जज ने इसके जबाव में कहा कि अगर उन्हें ब्रांडेड का शौक है तो उन्हें खुद कमाना चाहिए।

न्यायमूर्ति ललिता कन्नेगांती का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा है और समाज में एक मैसेज दे रहा है कि कानून का गलत फायदा उठकर कुछ महिलाएं अपने पति से तलाक लेने के बाद इतनी मोटी रकम की डिमांड कर देती हैं कि अगर वह खुद इतना पैसा कमाने जाएं तो शायद उन्‍हें पैसे की वैल्‍यू समझ आए। 

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