यासीन मलिक का कबूलनामा, कैसे किया पाक के समर्थन से कश्मीर को अशांत, जानिए सभी अपराध

कश्मीर में युवाओं को भड़काने, एयरफोर्स अधिकारियों की हत्या, तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण में भूमिका, पाक समर्थित आतंकी हाफीज सईद से दोस्ती एवं मुलाकात जैसे कई आरोप अलगाववादी नेता ने कबूल किए

Update: 2022-05-11 09:30 GMT

नईदिल्ली। जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। यासिन के गुनाह कबूल करने के बाद स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने अपना फैसला 19 मई को सुनाने का आदेश दिया। बताया जा रहा है की मलिक द्वारा गुनाह कबुल किए जाने के बाद इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती नहीं दी जाएगी।   

यासीन मलिक पर पर कश्मीर में युवाओं को भड़काने, एयरफोर्स अधिकारियों की हत्या, तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण में भूमिका, पाक समर्थित आतंकी हाफीज सईद से दोस्ती एवं मुलाकात जैसे कई आरोप अलगाववादी नेता ने कबूल कर लिए है।  

एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तोयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया। वर्ष 1993 में अलगवावादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई। 

घाटी में अशांति फैलाने का आरोप - 

एनआईए के मुताबिक हाफिद सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया। इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था।

आजीवन कारावास - 

अब 19 मई को शल जज प्रवीण सिंह मलिक पर लगे आरोपों के तहत सजा देने के लिए सुनवाई करेंगे। बताया जा रहा है की जिन धाराओं के तहत यासीन मलिक पर आरोप तय हुए है, उन धाराओं में आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।  


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