भोपाल। अनूपपुर विधानसभा चुनाव में हमेशा कांग्रेस के बिसाहूलाल सिंह और भाजपा के रामलाल रौतेल के मध्य ही मुकाबला होता रहा है। अभी तक बागडोर इन्हीं दोनों के हाथ में रही है, लेकिन मात्र 15 माह चली कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिरने और भाजपा की सत्ता में वापसी के बाद बदले परिदृश्य में कभी एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी रहे बिसाहूलाल सिंह और रामलाल रौतेल अब साथ-साथ हैं। अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र और कांग्रेस का बड़ा आदिवासी चेहरा रहे पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कांग्रेस को छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। अब परिस्थितियां यह हो गई हैं कि अनूपपुर में कांग्रेस कई भागों में बंट गई है। वर्तमान में कांग्रेस के अंदर कोई दमदार नेता दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है। तीन संभावित उ मीदवार कांग्रेस में अपने-अपने आकाओं की बदौलत जोर लगा रहे हैं, जिनमें जिला पंचायत सदस्य विश्वनाथ सिंह, सरपंच उमाकांत उइके एवं युवा नेता राजीव सिंह शामिल हैं। किन्तु वर्तमान स्थिति में कांग्रेस के पास बिसाहूलाल जैसा कोई दमदार चेहरा नहीं है। माना जा रहा है कि निकट भविष्य में होने वाले उप चुनाव में भाजपा की ओर से बिसाहूलाल सिंह ही उ मीदवार होंगे। ऐसे में कांग्रेस दमदार उ मीदवार की तलाश में दिन-रात एक किए हुए है।
कांग्रेस की राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पर नजर-
गोपनीय सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस नया समीकरण सामने लाना चाहती है। सूत्रों से पता चला है कि कांग्रेस उस राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को अपना उ मीदवार बना सकती है, जिस पर कभी भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में दाव खेलने का विचार कर रही थी, लेकिन इसी बीच कांग्रेस छोडक़र हिमाद्री सिंह ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी, जिससे उक्त अधिकारी का दाव कमजोर पड़ गया था और हिमाद्री सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में अपना प्रत्याशी घोषित कर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की उ मीदवारी को किनारे कर दिया था। बिसाहूलाल सिंह के भाजपा में जाने से अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में दमदार नेता की कमी को देखते हुए कांग्रेस के प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय स्तर के नेता लगातार उक्त अधिकारी के संपर्क हैं। सूत्रों की मानें तो उच्च अधिकारी ने भी चुनाव लडऩे का मन लगभग बना लिया है। इस विधानसभा क्षेत्र में उनके समाज की काफी बाहुलता है। उनका इसी क्षेत्र में निवास और ससुराल भी है, इसलिए कांगे्रस को आस है कि उक्त अधिकारी भाजपा के बिसाहूलाल सिंह को कड़ी टक्कर दे सकता है।
बिसाहूलाल के साथ भाजपा में आ सकते हैं कई कांग्रेस नेता
माना जा रहा है कि निर्वाचन आयोग की ओर से उप चुनाव की घोषणा के बाद अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र के कई कांग्रेस नेता बिसाहूलाल के समर्थन में भाजपा में शामिल हो सकते हैं, जिससे कांग्रेस की स्थिति और कमजोर हो जाएगी। आने वाले समय में जब पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह साा परिवर्तन के बाद पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र में आएंगे तो शहर से लेकर गांवों तक के कांग्रेस के कितने नेता उनके नेतृत्व में भाजपा का दामन थामते हैं? यह अपने आपम में काफी महत्वपूर्ण होगा। लगभग चार माह से बिसाहूलाल सिंह अपने क्षेत्र से दूर हैं। उनकी प्रतीक्षा कांग्रेस और भाजपा दोनों को है कि उनके आने के बाद विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर में परिवर्तन की या दशा और दिशा तय होती है? क्षेत्र के मतदाताओं को भी बदले परिदृश्य में होने वाले उप चुनाव का इंतजार है।
विंध्य क्षेत्र के सबसे बड़ा चेहरा हैं बिसाहूलाल
बिसाहूलाल विंध्य क्षेत्र के सबसे बड़ा चेहरा हैं। आदिवासी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर से बिसाहूलाल सिंह सर्व प्रथम 1980 में विधायक चुने गए। इसके बाद वे कांगे्रस के टिकट पर आठ बार चुनाव लड़े और पांच बार चुनाव जीते, जबकि तीन बार उन्हें पराजय का सामना भी करना पड़ा। वे 1993 से 98 तक कांग्रेस के शासन में मंत्री भी रहे। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में भाजपा प्रत्याशी रामलाल रौतेल को 11561 मतों से हराया था, जबकि 2013 के चुनाव में भाजपा के रामलाल रौतेल ने कांग्रेस के बिसाहूलाल सिंह को 11745 वोटों के अंतर से पराजित किया था।
बिसाहूलाल के खास रहे जिला कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपी चुनाव की कमान
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ व्यक्तिगत रुचि लेकर अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र को किसी भी कीमत पर कांग्रेस के पक्ष में लाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने प्रभारी की नियुक्ति करने के साथ ही जिला कांग्रेस अध्यक्ष को अभयदान देते हुए नई कार्यकारिणी गठन के लिए भी हरी झंडी दे दी है। विदित रहे कि जिला कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह के खास लोगों में से एक थे। अग्रवाल सिर्फ और सिर्फ बिसाहूलाल के लिए ही काम करते थे। वे कभी कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायकों के साथ उनके किसी भी कार्यक्रम में कभी शामिल नहीं हुए। उनके लिए बिसाहूलाल ही सब कुछ थे, जिनकी बदौलत लगातार वे लाख विरोध के बावजूद जिला कांग्रेस अध्यक्ष बने रहे, लेकिन एकाएक बिसाहूलाल के कांग्रेस से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद भी अग्रवाल ने कांग्रेस से अपना नाता नहीं तोड़ा और बिसाहूलाल को अलविदा कह दिया, जिससे मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उनको अभयदान दे दिया है। अब उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से चुनाव प्रबंधन की कमान अग्रवाल ही संभालेंगे।