मरीजों को टेबल पर किया जा रहा भर्ती, एसडीएम की फटकार भी बेअसर
मामला जिला अस्पताल का, बिना डंडे के भेजी मच्छरदानी
ग्वालियर। जिले में जहां डेंगू व मलेरिया से लोग परेशान हैं। वहीं जिलाधीश के निर्देशों के बाद भी जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं आ रहा है। अस्पताल में भर्ती हो रहे मरीज इस कदर परेशान हैं कि उन्हें पलंग तो दूर गद्दा तक नसीब नहीं हो रहा है। इधर एसडीएम की फटकार का भी सिविल सर्जन डॉ. व्ही.के. गुप्ता पर कोई असर नहीं पड़ रहा है और मरीजों को टेबल पर ही भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। दरअसल जिला अस्पताल में टेबल पर एक बच्ची को भर्ती करने का मामला सामने आने के बाद एसडीएम नरोत्तम भार्गव ने जिला अस्पताल का कुछ दिनों पहले निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सिविल सर्जन को फटकार लगाते हुए कहा था कि मरीजों को टेबल या बैंच पर भर्ती न किया जाए। अगर जरूरत है तो गैलरी में अतिरिक्त पलंग लगाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा था कि अस्पताल के पास बजट की कमी नहीं हैं, इसलिए पलंग और गद्दे मंगा लिए जाएं, लेकिन सिविल सर्जन ने पलंग और गद्दे तो दूर, फटे हुए गद्दों के कबर तक नहीं मंगाए हैं। इसी तरह मरीजों को मच्छरदानी भी अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। सिविल सर्जन डॉ. गुप्ता ने गुरुवार को मेडिसिन वार्ड में सिर्फ आठ मच्छरदानी ही भेजी गईं, जबकि विभाग में करीब 60 मरीज भर्ती हैं। इसके साथ ही जो मच्छरदानी भेजी भी गई हैं, उनके साथ डंडे नहीं भेजे गए हैं। इस कारण वह मच्छरदानी भी मरीजों को नसीब नहीं हो सकी हैं। यह स्थिति तब है, जब अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ कई बार सिविल सर्जन डॉ. गुप्ता से अतिरिक्त पलंग और गद्दों की मांग कर चुका है। इसके बाद भी सिविल सर्जन को मरीजों की परेशानी नहीं दिखाई दे रही है।
24 पलंगों के बीच सिर्फ 12 स्टैण्ड
जिला अस्पताल की अव्यवस्थाएं यहीं नहीं थमती। अस्पताल के मेडिसिन वार्ड में कुल पलंगों की संख्या 24 है, लेकिन मेडिसिन विभाग में बुखार व अन्य बीमारी से पीडि़त करीब 60 मरीज भर्ती हैं। इसके बाद भी अस्पताल में ड्रिप चढ़ाने के लिए सिर्फ 12 स्टैण्ड ही वार्ड में हैं। इस कारण मरीजों को ड्रिप कहीं खिडक़ी पर तो कहीं कूलर पर टांगकर चढ़ाई जा रही है।