ग्वालियर में 2 लाख 64 हजार वाहन चालकों पर 12.5 करोड़ ई-चालान बकाया

स्मार्ट सिटी के कंट्रोल कमांड सेंटर में कर्मचारी लगाए बैठे आस

Update: 2024-04-07 01:15 GMT

ग्वालियर।  शहर के दो व चार पहिया वाहन चालकों पर साढ़े बारह करोड़ रुपए चालान के बकाया है और वह उक्त चालान की रकम देने के लिए तैयार भी नहीं है। यह आंकड़ा ढाई वर्ष का है जिसे स्मार्ट सिटी द्वारा संचालित कमांड सेंटर द्वारा उपलब्ध कराया गया है। ई-चालान जमा करने नहीं जाने पर अब वसूली कैसे हो उसका समाधान निकाला जा रहा है। हालांकि पुलिस प्रशासन दावे लाख करें लेकिन करोड़ों रुपए की आज तक वसूली के लिए उन्होंने ने भी कोई ठोस प्रयास नहीं किए हैं जबकि विभाग द्वारा फरमान सुनाया गया था कि लोगों के घर पुलिस मुनादी कर चालान की राशि वसूली जाएगी।

12 अगस्त 2021 से लेकर आज तक स्मार्ट सिटी द्वारा 4 लाख 20 हजार वाहन चालकों के चालान बनाए गए। उक्त चालानों की कुल राशि 20 करोड़ रुपए के करीब है। चौकाने वाली बात यह है कि तीन वर्ष में सिर्फ 01 लाख 56 हजार वाहन चालकों ने ई-चालान जमा कराए हैं। उक्त लोंगों के द्वारा 7 करोड़ 50 हजार रुपए की राशि का चालान जमा कराया है। जबकि साढ़े बारह करोड़ रुपए चालान की राशि 02 लाख 64 हजार वाहन चालकों पर बकाया है। जिन लोगों ने ई-चालान जमा नहीं किया उनमें शहर के नामचीन लोग भी शामिल हैं। स्मार्ट द्वारा संचालित कंट्रोल कमांड सेंटर के अधिकारियों ने वाहन चालकों से चालान की राशि वसूलने के लिए काफी प्रयास किए और उनको एसएमएस, मैसेज और डाकपत्र से चालान की कापी भी भेजी बावजूद इसके उन्होंने ई-चालान जमा नहीं कराया। बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन, लालबत्ती जम्प करना और ओवर स्पीड में गाड़ी चलाने वालों के चालान बनाए गए हैं। पुलिस ने एक बार करोड़ों रुपए के बकाया ई-चालान को वसूलने के लिए अभियान भी चलाया लेकिन वह चंद बाद ही बंद कर दिया गया। जबकि पुलिस अधिकारियों ने दावा किया था कि जिन लोगों के ई-चालान बने हुए हैं उनके घरों पर जाकर मुनादी कराई जाएगी और पुलिस चालान वसूलेगी।

नेशनल इंनर्फोमेटिंग सेंटर से नहीं बच सकेंगे

शहर में जल्दी ही एनआईए नेशनल इनर्फोमेटिंग सेंटर की शुरुआत हो जाएगी। यह एक केन्द्रीय संस्था जो पूरे देश में इस तरह के प्रोजेक्ट को दिखती है। नवीन चालान के लिए नवीन साफ्टवेयर पद्धति लागू कर दी गई है जिसमें एनआईए द्वारा तैयार चालान को वर्चुअल कोर्ट से जोड़ दिया जाएगा। यह साफ्टवेयर सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के सर्वर से परिवहन सारथी से जुड़ा है। इस साफ्टेवयर के जरिए देश भर में पंजीकृत वाहनों को डाटा उपलब्ध होता है।

लोगों में नियमों के प्रति आ रही है जागरुकता

आज से पहले एक वर्ष में ढाई लाख के करीब वाहन चालक यातायात नियमों को तोड़ते थे। लेकिन अब लोगों में जागरुकता आई और यह अनुपात आज 20-30 हजार पर आ गया है। स्मार्ट सिटी कंट्रोल कमांड सेंटर के राहुल शर्मा ने बताया शहर के लोग अब यातायात नियमों को पालन करने के लिए पहले से ज्यादा जागरुक हुए हैं। आने वाले समय लोगों की आदत में आ जाएगा और फिर वह यातायात नियमों का पालन करेंगे।

कैसे वसूल होगी ई-चालान की राशि

जो लोग ई-चालान नहीं भरते हैं ऐसे लोगों से पुलिस जाकर वूसली करती है। इस बारे में पुलिस अधिकारियों से कई बार कहा भी गया है। लेकिन आज सबसे बड़ी समस्या यह है कि साढ़े बारह करोड़ रुपए की इतनी बड़ी राशि की वसूली कैसे होगी।

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