ग्वालियर जयारोग्य अस्पताल में 60 वर्षीय बुजुर्ग अपने भाई को पीठ पर लादे होता रहा परेशान
ग्वालियर। जयारोग्य चिकित्सालय समूह के हजार बिस्तर के अस्पताल में सुबह करीब 10.30 बजे होंगे। अस्पताल परिसर में परेशान 60 साल के बुजुर्ग मेहंदी हसन को ठीक से दिख नहीं रहा था। उनके साथ उनका 56 साल का भाई
सब्बीर था। पैर में फ्रैक्चर के कारण वह चल नहीं सकता था। बुजुर्ग मेहंदी ने अपने भाई को ओपीडी तक ले जाने के लिए कर्मचारी से स्ट्रेचर की मांग की। लेकिन कर्मचारी ने बताया कि स्ट्रेचर नहीं है। इस पर बुजुर्ग ने हिम्मत की और अपने भाई को पीठ पर उठा कर आर्थोपेडिक की ओपीडी तक लेकर पहुंचा। ओपीडी तक ले जाने में उन्हें कई बार रुकना भी पड़ा। यह सब कुछ अस्पताल के चिकित्सकों से लेकर कर्मचारियों ने भी देखा, लेकिन किसी ने भी बुजुर्ग की मदद करते हुए स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं कराया। क्योंकि इस तरह के द्रश्य अस्पताल में पहली बार देखने को नहीं मिला था। इस तरह के द्रश्य आए दिन अस्पताल में देखने को मिलते हैं। इसलिए अस्पतालकर्मियों के लिए इसमें कुछ नया नहीं था। कुछ कर्मियों से बात की गई तो जवाब मिला कि स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं रहने के कारण परिजन अक्सर इसी तरह मरीज को लाते हैं।
दरअसल जालौन निवासी 56 वर्षीय सब्बीर के पैर में परेशानी है, जिसके उपचार के लिए वे बड़े भाई 60 वर्षीय मेहंदी हसन के साथ हजार बिस्तर में पहुंचे थे। मेहंदी ने बताया कि अस्पताल में स्ट्रेचर के लिए पहले तो वे गेट पर खड़े रहे और जब नहीं मिला तो भाई को मजबूरन पीठ पर उठाकर ले जाना पड़ा। मेहंदी का कहना है कि ओपीडी में चिकित्सक ने एक्सरे कराने के लिए कहा, लेकिन जब एक्सरे विभाग में पहुंचे तो यह कहते हुए लौटा दिया गया कि आज छुट्टी है कल आना। इतना ही नहीं 60 वर्षीय बुजुर्ग अपने भाई को ओपीडी से लेकर रेडियोलॉजी विभाग तक पीठ पर उठाकर घूमते रहे, लेकिन किसी भी जिम्मेदार को बुजुर्ग की पीड़ा नहीं दिखी और स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराया गया।
जरुरत 100 की और उपलब्ध महज 25
हजार बिस्तर अस्पताल के मुख्य द्वार पर महज 25 स्ट्रेचर और 10 व्हीचेयर उपलब्ध रहते हैं। जबकि ओपीडी के समय तीन से चार हजार तक मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। जिसमें से करीब 100 मरीजों स्ट्रेचर व व्हीलचेयर की जरूरत पड़ती है। लेकिन स्ट्रेचर व व्हीचेयर की कमी के कारण मरीजों को मरीज को या तो कंधों पर उठा कर ले जाना पड़ता है या फिर अपनी गोद में। इतना ही नहीं स्ट्रेचर वाय की बात करें तो इनकी संख्या में महज 10 ही है। ऐसे में अगर किसी मरीज को स्ट्रेचर मिल भी जाता है तो परिजनों को खुद ही स्ट्रेचर खींचना पड़ता है। अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि ओपीडी में मरीजों की भीड़ अधिक रहती है। इसलिए कम से कम 100 स्ट्रेचरों की आवश्यता है। लेकिन स्ट्रेचर व व्हील चेयर की कमी होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मरीजों को स्ट्रेचर क्यों उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधक व सहायक प्रबंधन को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी जाएगी।
डॉ. अक्षय निगम
अधिष्ठाता, गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय