ग्वालियर में बेटे की चाहत में चुराया था दो माह का मासूम, जीआरपी ने किया खुलासा
14 साल पहले हुई लड़क़ी के बाद नहीं हो रहा था लड़क़ा
ग्वालियर। वैष्णव देवी के दर्शन कर झांसी जा रहे छतरपुर के रहने वाले उमेश अहिरवार के दो माह का दूध मुंहा मासूम के अपहरण करने वालों को जीआरपी बीजी ने तीन लोगों को इंदौर से गिरफ्तार कर लिया है। जिसमें दंपति के साथ महिला की बड़़ी बहन भी शामिल है। बताया गया है कि बेटे की चाहत के लिए दो माह के मासूम का अपहरण किया गया था। जीआरपी ने तीनों को न्यायालय में पेश किया। जहां से दो महिलाओं को जेल भेेज दिया गया। जबकि व्यक्ति को पांच दिन की रिमांड पर भेेजा गया।
जानकारी के अनुसार वैष्णव देवी के दर्शन कर झांसी जा रहे छतरपुर के रहने वाले उमेश अहिरवार का दो माह का दूध मुंहा मासूम मालवा एक्सप्रेस से गायब हो गया था। जीआरपी ग्वालियर में दर्ज कराई शिकायत के मुताबिक उमेश पत्नी के साथ 6 अप्रैल की रात ट्रेन के स्लीपर कोच में सवार थे। ग्वालियर से डबरा के बीच रात 2 से 2.30 बजे के बीच नींद खुली तो बीच की बर्थ पर सो रही पत्नी के पास से बच्चा गायब था। बच्चे गायब होने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक रेल मृगाखी डेका के निर्देश पर जीआरपी थाना प्र्रभारी ने एक टीम का गठन किया। लेकिन उससे पहले ही महू निवासी अमर सिंह चौहान अपनी पत्नी के साथ इंदौर जीआरपी थाने पहुंचे व बच्चा यह कहते हुए सुुपुर्द किया कि उन्हें यह बच्चा ट्रेन में लावारिस हालात में मिला है। लेकिन ग्वालियर से इंदौर पहुंची जीआरपी को यह बात हजम नहीं हुई व जब उन्होनें दंंपति से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वह आगरा से मालवा एक्सप्रेस के एस-2 कोच में सवार हुए। उनके साथ पत्नी की बड़़ी बहन व बेटी भी थी। ट्रेन में वेटिंग क्लीयर नहीं होने पर एक सीट खाली होने पर सभी उस पर बैठ गए। बाद में उन्होंने देखा कि बच्चा अकेला है तो वह बच्चे को उठाकर ललितपुर स्टेशन पर उतर गए व वहां से बस से भोपाल और भोपाल में एक टैक्सी कर सीधे इंदौर पहुंच गए। पूूछताछ में आरोपी ने बताया कि बेटे की चाहत के लिए ऐसा किया गया है। जीआरपी ने गुरुवार को आरोपी अमर सिंह चौहान, पुत्र जगदीश चौहान, निवासी महू, इंदू चौहान पति अमर सिंह चौहान निवासी महू, रंजना चनाल पति स्व.सुनील चनाल निवासी रेेलवे कॉलोनी इंदौर को न्यायालय में पेश किया। न्यायालय में दोनों महिलाओं को जेल भेजने व अमर सिंह चौहान को पांच दिन रिमांड पर जीआरपी को सौंपा। जीआरपी अब अमर सिंह चौहान को उन स्थानों पर ले जाकर तस्दीक करेगी कि बच्चा लेकर वह वहां गए भी थे या नहींं।
इनकी रही सराहनीय भूमिका
निरीक्षक पंकज दीवान, उपनिरीक्षक सदा गोविंद, आरक्षक शिवकुमार, अनुज सिंह, अमर सिंह, हरिशंंकर, रक्षपाल, राघवेन्द्र, जितेन्द्र सिंह, रूचि दुुबे, उपनिरीक्षक रविन्द्र सिंह राजावत, सहायक उपनिरीक्षक देवेश कुमार।