चेम्बर ऑफ कॉमर्स:नींद से जागे चेम्बर पदाधिकारी, सभापति से बोले गारबेज शुल्क में संशोधन हो
ग्वालियर में लागू की गई गारबेज शुल्क की दरें, जो कि अधिक होने तथा प्रदेश के अन्य बड़े शहर जैसे कि इन्दौर, भोपाल और जबलपुर से भी अधिक दरें होने के कारण चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा विरोध किया
ग्वालियर,न.सं.। आखिरकार चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी नींद से जाग गए, शायद यही कारण है कि रविवार को चेम्बर पदाधिकारियों ने सभापति मनोज तोमर, नेता प्रतिपक्ष हरिपाल से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में नगर-निगम परिषद की सोमवार 24 जुलाई को आयोजित होने वाली अभियाचित बैठक में गारबेज शुल्क के प्रस्ताव को पारित किए जाने की मांग की।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि ग्वालियर शहर में लागू की गई गारबेज शुल्क की दरें जो कि काफी अधिक होने तथा प्रदेश के अन्य बड़े शहर जैसे कि इन्दौर, भोपाल और जबलपुर से भी अधिक दरें होने के कारण चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा इसका प्रारम्भ से ही विरोध किया जा रहा है । इस संबंध में पूर्व में आयुक्त, चेम्बर के साथ आयोजित संयुक्त बैठक में गारबेज शुल्क की दरों को संशोधित किए जाने पर सहमति बन गई थी तथा सहमति के बाद एक प्रस्ताव भोपाल भी जा चुका है ।
पदाधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही तत्संबंध में एमआईसी द्वारा भी गारबेज शुल्क की दरों का युक्तियुक्तकरण करके एक प्रस्ताव परिषद की स्वीकृति के लिए भेजा गया है, परन्तु उक्त प्रस्ताव को अभी तक नगर-निगम परिषद की बैठक में शामिल नहीं किया गया है ।प्रतिनिधि मण्डल ने सभापति मनोज तोमर व नेता प्रतिपक्ष हरिपाल से मांग की कि गारबेज शुल्क के प्रस्ताव को सोमवार को आयोजित होने वाली अभियाचित बैठक में शामिल कर, इसकी दरों को कम से कम किए जाने के प्रस्ताव को पारित किया जाए, ताकि शहरवासियों को राहत मिल सके । साथ ही, गारबेज शुल्क को सम्पत्ति कर से लिंक कर दिए जाने के कारण शहर के सम्पत्ति करदाता अपना वर्तमान वित्तीय वर्ष का सम्पत्ति कर 30 जून तक जमा नहीं करा पाएं हैं । अत: गारबेज शुल्क की दरों में संशोधन के उपरान्त एक माह तक की अवधि 6 प्रतिशत छूट के साथ सम्पत्ति कर जमा करने की दी जाए, जिससे संपत्ति करदाता इस छूट का लाभ उठाकर, अपना सम्पत्ति कर जमा कर सकें । इस अवसर पर अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल एवं कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल शामिल थे ।