बोर्ड परीक्षाओं में एक बार फिर पूछा 'आजाद कश्मीर को लेकर आपत्तिजनक प्रश्न
12वीं की परीक्षा के प्रश्न पर उठ रहे सवाल, विद्यार्थी परिषद ने की सख्त कार्रवाई की मांग
ग्वालियर, न.सं.। मध्य प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं में विवादित प्रश्न पूछने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 'आजाद कश्मीरÓ को लेकर आपत्तिजनक पूछने का मामला अभी थमा भी नहीं था कि एक बार फिर से 12वीं बोर्ड की परीक्षा में इस मुद्दे को हवा दी गई। राजनीति विज्ञान विषय के प्रश्न पत्र में पाक अधिकृत कश्मीर को जानबूझकर 'आजाद कश्मीरÓ बताकर विवादित प्रश्न पूछा गया, जो आपत्तिजनक है। क्योंकि भारत हमेशा से ही इस हिस्से को अपना मानता रहा है। ऐसे में इसे 'आजाद कश्मीरÓ बताना बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। इस तरह का प्रश्न फिर से पूछने पर विरोध शुरू हो गया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस पर घोर आपत्ति दर्ज कराते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मौजूदा समय में माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं। शनिवार को राजनीति विज्ञान विषय के छठवें प्रश्न में 'आजाद कश्मीर क्या है से जुड़ा आपत्तिजनक प्रश्न पूछा गया, जो कहीं न कहीं बोर्ड व शिक्षकों की जानबूझकर ऐसे प्रश्न पूछने की मानसिकता को दर्शाता है। इस तरह का विवादित प्रश्न पूछकर मामले को एक बार फिर से हवा देने का प्रयास किया गया। जिसका विरोध भी शुरू हो गया है और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस पर सख्त आपित्त दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। परिषद ने मुख्यमंत्री से उच्च स्तरीय जांच व संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। इसी तरह का प्रश्न इसी साल 10वीं बोर्ड की परीक्षा में सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पत्र में सही जोड़ी मिलाने वाले सवाल में 'आजाद कश्मीरÓ का विकल्प लिखा था। वहीं दूसरे प्रश्न में भारत के मानचित्र में 'आजाद कश्मीरÓ दर्शाने के लिए कहा गया। हालांकि विरोध होने के बाद तत्कालीन सरकार ने दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया था।
इस तरह बनते हैं
सूत्रों के अनुसार प्रश्न पत्र सेट करने के लिए तीन स्तरीय मॉडरेशन समिति बनाई जाती है। समिति का प्रमुख पांच सदस्यों का पैनल बनाता है। सभी सदस्य अलग-अलग प्रश्न-पत्र तैयार करते हैं और इसे समिति के प्रमुख के पास जमा करते हैं। फिर प्रमुख दो सदस्यों से अंतिम प्रश्न पत्र सेट कराता है, इसे प्रूफ के लिए दिया जाता है। इसके बाद समिति का प्रमुख प्रश्न पत्र की जांच करता है और गोपनीय दस्तावेज के तौर पर इसे प्रिंटिंग के लिए भेज देता है। यह पूरा काम माध्यमिक शिक्षा मंडल की देखरेख में होता है।
विवि की परीक्षाओं में भी पूछे गए हैं विवादित प्रश्न-
परीक्षाओं में विवादित प्रश्न पूछने का यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के प्रश्न पूछकर जानबूझकर समाज में भ्रांतियां फैलाने का काम होता रहा है। गत वर्ष जीवाजी विवि के राजनीति विज्ञान विषय की परीक्षा में क्रांतिकारियों को 'क्रांतिकारी आतंकवादीÓ बताते हुए प्रश्न पूछा गया। जिस पर भारी विवाद हुआ और अंत में उक्त विवादित टॉपिक को पाठ्यक्रम से हटाया गया।
इनका कहना है-
12वीं की परीक्षा में कश्मीर को लेकर विवादित प्रश्न पूछा गया है, जो घोर आपत्तिजनक है। परिषद हर रूप से यह मानती है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान द्वारा अधिकृत कश्मीर भी भारत का हिस्सा है। इस प्रकार के प्रश्न वर्तमान स्थितियों में छात्रों व समाज में भ्रम पैदा कर सकते हैं। जबकि हमें छात्रों के बीच स्वाभिमान व राष्ट्रीय एकात्मता व अखंडता का भाव जागृत करना चाहिए। परिषद मुख्यमंत्री से मांग करती है कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
-निलेश सोलंकी
प्रदेश मंत्री, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
प्रश्न पत्र तैयार करने का काम माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा किया जाता है। इस तरह का प्रश्न पत्र पूछने की मुझे जानकारी नहीं है। यदि इस संबंध में कोई आपत्ति आती है तो उसे बोर्ड के पास भेज दी जाएगी।
-विकास जोशी
जिला शिक्षा अधिकारी