जयारोग्य में भ्रष्टाचार : बिना कार्य कराने फर्जी दस्तावेजों के सहारे आठ लाख का भुगतान

- जयारोग्य अस्पताल के कार्यशाला प्रभारी पर भ्रष्टाचार के आरोप

Update: 2021-07-17 13:25 GMT

ग्वालियर/वेब डेस्क। जयारोग्य चिकित्सालय इन दिनों तमाम घपले घोटालों को लेकर चर्चाओं में बना हुआ है। इसी के चलते अब भ्रष्टाचार उन्नमूलन मोर्चा संगठन ने अस्पताल के कार्यशाला प्रभारी अतर सिंह पर फर्जी दस्तावेजों तैयार कराकर आठ लाख का फर्जी भुगतान कराने के आरोप लगाए हैं। भ्रष्टाचार उन्नमूलन संयुक्त मोर्चा संगठन के बैनत तले अल्पवेतन भोगी कर्मचारी संघ के प्रान्ताध्यक्ष भानू प्रताप चौरसिया, सर्व मानव कल्याण महासंघ के राष्ट्रीय सचिव अमित श्रीवास, राज्य कर्मचारी संघ विभागीय समिति के महामंत्री बलबीर सिंह राजपूत, राज्य कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष नेहा कौल व नर्सेस एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष भावना पंकज ने संयुक्त रूप से एक शिकायत की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि जयारोग्य में पूर्व से ही कूलरों की मरम्मत के लिए बिना कार्य आदेश के 31 जुलाई 2020 से 11 जनवरी 2021 तक फर्जी तरीके से कार्य दिखाकर देयक भुगतान के लिए प्रस्तुत किए गए, जिसमें कार्यशाला प्रभारी अतर सिंह जाटव एवं ठेकेदार ने फर्जी बाउचर तैयार कर स्टाक रजिस्टर में अन्दाज कर जून 2021 में 8 लाख 27 हजार 245 के कूलरों की मरम्मत के लिए देयक प्रस्तुत किए गए। जबकि उक्त अवधि में कार्य हुआ ही नहीं थी।

मोर्चे के पदाधिकारियों ने यह भी कहा है कि म.प्र. भण्डार क्रय नियमों के प्रावधान है कि बांछित सामग्री/मरम्मत आदि के कार्य कराए जाने से पूर्व की आवश्यकता का मांगपत्र वार्डों से तदुपरांत आवश्यक सामग्री क्रय करने के लिए सक्षम अधिकारी की नोटशीट पर स्वीकृति, सक्षम अधिकारी द्वारा आर्य आदेश जारी किए जाने का प्रावधान है। क्रय आदेश जारी होने के बाद मांग अनुसार विभिन्न वार्डों में कार्य/सामग्री क्रय की जाना थी। लेकिन प्रभारी अतर सिंह ने फर्म से सांठगांठ कर फर्जी देयक तैयार कराकर बिना क्रय आदेश के भुगतान के लिए कार्यालय में प्रस्तुत कर दिए। जबकि स्वशासी निधि से प्राप्त राशि को अधिकतम राशि इनके द्वारा अग्रिम के रूप में ली जाती है तथा निजी संस्था के बिल प्रस्तुत कर समायोजित किए जाते हैं। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा सहयोग शुल्क प्राप्त कर डी.के. फर्म के देयकों का भुगतान कर दिया गया।

छेड़छाड़ का मामला न्यायालय में लंबित

मोर्चा ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि अतर सिंह पर कम्पू थाने में महिला के साथ छेड़छाड़ का मामला भी दर्ज है, जो वर्तमान में न्यायालय में लंबित है। साथ ही उक्त कर्मचारी द्वारा हरिजन एक्ट की धमकी देखकर अधिकारियों पर दबाव बनाता है।

इनका कहना है

मुझ पर जो आरोप लगाए गए हैं वह निराधार हंै। जिस अवधि में भुगतान कराने की बात कही जा रही है उसमें किसी भी तरह का कोई भी भुगतान नहीं हुआ है।

अतर सिंह जाटव, कार्याशाला प्रभारी, जयारोग्य चिकित्सालय

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