ग्वालियर, न.सं.। जिले में मिलावट खोरों पर सख्त कार्रवाई करने के उद्देश्य से बनाई जा रही फूड लैब जिम्मेदारों की अंदेखी के कारण तीन वर्ष में भी शुरू नहीं हो सकी है। जिस कारण न तो मिलावट खोरों पर लगाम लग पा रही है और न ही समय पर रिपोर्ट सामने आती है।
दरअसल ग्वालियर और चंबल अंचल मिलावट को लेकर कुख्यात है। यहां मिलावट करने के नाम पर मिलावट माफिया किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।इसी बात को ध्यान में रखते हुए जिले में फूड लैब के निर्माण का निर्णय लिया गया था। इसी के चलते अक्टूबर 2019 में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वार हुरावली आरटीओ पहाड़ी के नीचे फूड लैब के निर्माण के लिए शिलान्यास कियाग या था। उक्त लैब के निर्माण की जिम्मेदारी एमपी हाउसिंग बोर्ड दी गई थी। साथ ही 12 माह में लैब तैयार कर फूड विभाग को देने की बात भी कही गई थी। लेकिन आज तीन वर्ष पूरे होने के बाद भी फूड लैब शुरू तो दूर अभी काम तक पूरा नहीं हो सका है। जिसको लेकर एमपी हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि लैब के लिए भवन बन कर लगभग पूरी तरह तैयार हो चुका है और अधिकांश सिविल वर्क भी पूरा कर लिया गया है। लेकिन अब लैब में विद्युत फिटिंग किस तरह से की जानी है। इसके लिए भोपाल फूड विभाग को फाइल भेजी जा चुकी है। लेकिन अभी तक अधिकारियों से कोई जबाव नहीं आया है, जिस कारण लैब शुरू होने में देरी हो रही हैं। ऐसे में मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान कैसे चलाया जाएगा।
केन्द्रीय मंत्री से लेकर प्रभारी मंत्री जता चुके हैं नाराजगी
फूड लैब के समय पर शुरू न होने को लेकर केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया से लेकर प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट तक नाराजगी जता चुके हैं। इतना ही नहीं पिछले दिनों प्रभारी मंत्री श्री सिलावट ने खुद भोपाल में फूड विभाग के अधिकारियों को फोन कर निर्देश दिए थे कि एक सप्ताह के अंदर लैब में विद्युत फिटिंग सम्बंधित प्रस्ताव भेजा जाए। लेकिन आज दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
छह-छह माह में आती है रिपोर्ट
ग्वालियर में त्यौहारों और सामान्य तौर पर होने वाले नमूनों को भोपाल लैब भेजा जाता है, भोपाल में पूरे प्रदेश के नमूनो का लोड रहता है। इसलिए वहां से रिपोर्ट आने मे एक माह से लेकर छह माह तक लग जाते हैं। इसी कारण जिनके यहां सैंपलिंग की कार्रवाई होती है, वे रिपोर्ट आने तक अपना कारोबार जारी रखते हैं, कोई खौफ नहीं होता है, जल्द रिपोर्ट आ जाए तो कार्रवाई बड़ी हो सकती है।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ था शिलान्यास
लैब का शिलान्यास कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ था। यही कारण है कि उक्त लैब को शुरू करने के लिए माननीय से लेकर अधिकारी रूची नहीं दिखा रहे हैं। वहीं ठेकेदार भी लैब के निर्माण कार्य में सुस्ती बरते हुए हैं। लेकिन अगर लैब शुरू हो तो मिलावटखोरों पर काफी हद तक लगाम कसी जा सकती है।
अधिकांध सिविल वर्क पूरा हो चुका है, अब विद्युत फिटिंग का काम रह गया है। जून माह तक लैब शुरू कर दी जाएगी।
राजेन्द्र तिवारी
एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, एम.पी. हाउसिंग बोर्ड