चैत्र में ज्येष्ठ जैसी गर्मी, जोरदार लपटों से शहरवासी परेशान

  • मार्च में 10 साल में चौथी बार 40 डिग्री के पार पहुंचा पारा

Update: 2021-03-31 12:16 GMT

ग्वालियर/वेब डेस्क। राजस्थान से आ रहीं पश्चिमी गर्म हवाओं की वजह से शहर का मौसम काफी गर्म हो गया है। चैत्र माह में ही ज्येष्ठ माह जैसी गर्मी की शुरुआत हो गई है। दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है। मंगलवार को सुबह से ही 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गर्म हवाएं शुरू हो गईं। पिछले दस साल के मौसम पर नजर डालें तो मार्च में चौथी बार दिन का पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचा है। इससे पहले मार्च महीने में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 31 मार्च 2019 को 40.9, 30 मार्च 2017 को 41.6, 26 मार्च 2016 को 40.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मंगलवार को न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 6.8 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया, जिससे रात में भी गर्मी चरम पर रही। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन से चार दिनों तक मौसम ऐसा ही गर्म रहेगा और इस दौरान भी शहर में लू चलने के आसार हैं। चार अपै्रल को आ रहे पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से तापमान में आंशिक कमी आने की संभावना है।

होली के दूसरे दिन सोमवार को शहर में अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था। इसका असर दूसरे दिन मंगलवार को न्यूनतम तापमान पर भी पड़ा। न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर 24.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। इससे रात में भी गर्मी बढ़ गई है। मंगलवार को गर्मी का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि सुबह 5.30 बजे तापमान 25.0 डिग्री सेल्सियस पर था, जो 8.30 बजे 33.0, पूर्वान्ह 11.30 बजे 37.3, मध्यान्ह 2.30 बजे 39.8 डिग्री सेल्सियस पर था। इसके चलते सुबह से ही गर्मी शुरू हो गई और 10.30 बजे से गर्म हवाएं भी चलने लगीं। इसके बाद दिन भर 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पश्चिमी गर्म हवाएं चलती रहीं, जिन्होंने भीषण लपट और अंधड़ का रूप ले लिया।

मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल के पूर्व निदेशक डी.पी. दुबे ने बताया कि मौसम को प्रभावित करने के लिए अभी कोई वेदर सिस्टम नहीं है। उधर राजस्थान व गुजरात के मध्य में एक प्रति चक्रवात बनने से दोनों राज्य तपने लगे हैं और पश्चिमी गर्म हवाएं राजस्थान से अपने साथ तपन लेकर आ रही है। इससे ग्वालियर-चम्बल अंचल का मौसम अचानक गर्म हो गया है। यह स्थिति अगले तीन से चार दिन तक बनी रहेगी। आगामी चार अपै्रल को एक पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है। हालांकि उसका असर हरियाणा तक ही सीमित रहेगा, लेकिन इसके प्रभाव से हवाओं की दिशा बदलकर दक्षिणी या दक्षिण-पश्चिमी हो जाएगी, जिससे तापमान में कुछ कमी आएगी।

इस बार अपै्रल में ही झेलना पड़ सकते हैं लू के थपेड़े

आमतौर पर मार्च के महीने में मौसम गर्म तो होता था, लेकिन अप्रैल व मई जैसी गर्मी नहीं पड़ती थी और लपट भी नहीं चलती थी, लेकिन इस बार पिछले दो दिन में मौसम में काफी बदलाव आया है। शहर में सोमवार को ही तापमान 40.8 डिग्री सेलिसयस पर पहुंच गया था। बुधवार को भी शहर में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के पार जाने की आशंका है। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट को मानें तो अपै्रल के महीने में भी इस बार अंचल में लपट का प्रकोप रह सकता है। लपट यानि गर्म हवा। लपट चलने से अंचल के लोगों को खासी परेशानी झेलना पड़ेगी। खास बात यह है कि कई सालों के बाद मार्च के महीने में लपट चलने की स्थिति पैदा हुई है। आमतौर पर अंचल में लपट अप्रैल के अंतिम दिनों में चलती थी और यह स्थिति मई जून तक रहती थी, लेकिन इस बार मार्च अंत से ही लोगों को गर्मी और लपट के थपेड़े झेलना पड़ रहे हैं।

24.5 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ सबसे गर्म रही रात

वर्तमान मौसम में 24.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ सोमवार-मंगलवार की रात सबसे गर्म रही। इस मौसम में यह पहला मौका है, जब न्यूनतम तापमान सामान्य से 6.8 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया है। अधिकतम तापमान भी पिछले दिन की अपेक्षा 0.3 डिग्री सेल्सियस आंशिक कमी के साथ 40.5 डिग्री सेल्सियस पर टिका रहा। यह भी औसत से 5.4 डिग्री सेल्सियस अधिक है। तापमान में वृद्धि के साथ हवा में नमी की मात्रा भी काफी घट गई है। आज सुबह हवा में नमी मात्र 15 प्रतिशत दर्ज की गई, जो औसत से 25 प्रतिशत कम है। शाम को भी हवा में नमी मात्र 12 प्रतिशत दर्ज की गई। यह भी औसत से नौ प्रतिशत कम है।

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