ग्वालियर । शहर में इन दिनों मौसमी बीमारियों के चलते अस्पतालों में मरीजों की लाइन लगी हुई है, लेकिन शासकीय अस्पतालों में अव्यवस्थाओं का आलम थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थिति यह है कि स्टाफ न होने के कारण मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। इसके चलते मरीजों को निजी अस्पताल में जाना पड़ रहा है। सबसे खराब स्थित मुरार जिला अस्पताल की है, जहां मेडिसिन विभाग में कुल 24 पलंग ही हैं, जबकि इन दिनों मेडिसिन की ओपीडी में प्रतिदिन 200 से अधिक मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं, जिनमें से कई मरीजों को भर्ती भी करना पड़ता है, लेकिन मेडिसिन विभाग में पलंग कम होने के कारण मरीजों को सर्जरी एवं बाल रोग विभाग सहित अन्य विभागों में भर्ती करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं जिला अस्पताल के आईसीयू में स्टाफ न होने के कारण मरीजों को भर्ती ही नहीं किया जा रहा है। आईसीयू में सुबह 8 से दोपहर 2 बजे और दोपहर 2 से रात 8 बजे तक तो नर्सिंग स्टाफ रहता है, लेकिन रात 8 बजे के बाद कोई भी नर्सिंग स्टाफ आईसीयू में नहीं रहता है। इस कारण आईसीयू में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है और शाम को आईसीयू में ताला तक डाल दिया जाता है, जबकि आईसीयू में स्टाफ बढ़ाने को लेकर जिला अस्पताल के चिकित्सक कई बार सिविल सर्जन को पत्र भी लिख चुके हैं, लेकिन फिर भी आज तक आईसीयू में स्टाफ नहीं बढ़ाया गया है और परेशानी मरीजों को उठाना पड़ रही है।
चिकित्सकों को भी होती है परेशानी
मेडिसिन विभाग में भर्ती मरीजों को देखने में चिकित्सकों को भी सुबह परेशानी होती है। सर्जरी सहित बाल रोग विभाग में भर्ती मेडिसिन के मरीजों को देखने के लिए जब चिकित्सक सुबह राउण्ड पर जाते हैं तो उन्हें अलग-अलग विभागों में जाना पड़ता है, जिससे समय ज्यादा लगता है। इस कारण ओपीडी में उपचार के लिए पहुंचे मरीजों को चिकित्सकों का इंतजार करना पड़ता है।